क्या खत्म हो जाएगी एलपीजी सब्सिडी? कोई कन्फ्यूजन हो तो यहां जानें..

क्या खत्म हो जाएगी एलपीजी सब्सिडी? कोई कन्फ्यूजन हो तो यहां जानें..

क्या खत्म हो जाएगी एलपीजी सब्सिडी? कोई कन्फ्यूजन हो तो यहां जानें..
Modified Date: November 29, 2022 / 08:10 pm IST
Published Date: February 11, 2021 8:05 am IST

नई दिल्ली। नए साल के बजट में रसोई गैस सब्सिडी को लेकर लोग परेशान नजर आ रहे हैं। ऐसी चर्चा हो रही है कि सरकार इसे खत्म कर सकती है। बजट में पेट्रोलियम सब्सिडी घटाए जाने को इससे जोड़ कर देखा जा रहा है। बजट पेश होने के बाद से ही पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों और खासकर एलपीजी सब्सिडी को लेकर लोगों के मन में कई तरह की बातें चल रही हैं। इसको लेकर केंद्रीय पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राज्यसभा में लिखित जवाब दिया है।

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केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने तेल मार्केटिंग कंपनियों (OMC) के हवाले से राज्यसभा में बताया कि एक फरवरी तक एलपीजी उपभोक्ताओं ने 1.08 करोड़ सब्सिडी ले ली है। एलपीजी समेत अन्य पेट्रोलियम उत्पादों की बढ़ती कीमतों पर उन्होंने कहा कि इनकी कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार से जुड़ी हुई हैं। इसके बावजूद सरकार ने सब्सिडी वाले घरेलू एलपीजी सिलेंडर के उपभोक्ताओं के लिए सब्सिडी बनी हुई है।

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वित्त मंत्रालय ने वित्तीय वर्ष 2022 के लिए पेट्रोलियम सब्सिडी को घटाकर 12,995 करोड़ रुपये कर दिया है, जिसके बाद इन चर्चाओं को बल मिला कि सब्सिडी खत्म की जा सकती है। हालांकि सरकार ने इन संशयों और चर्चाओं पर विराम लगाते हुए बताया है कि रसोई गैस पर ​सब्सिडी जारी है। यह बंद नहीं की गई है।

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राज्यसभा में एक लिखित जवाब में उन्होंने स्पष्ट किया कि एलपीजी उपभोक्ताओं को ये उत्पाद रियायती दरों पर मिलते हैं। कीमतों को लेकर उन्होंने कहा कि घरेलू सब्सिडी वाले एलपीजी पर सब्सिडी अंतरराष्ट्रीय बाजार में उत्पाद की कीमत में वृद्धि और कमी के साथ-साथ सब्सिडी सरकार के निर्णय के अनुसार बढ़ती और घटती है।

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वर्ष 2011-12 में केरोसिन पर सब्सिडी 28,215 करोड़ रुपये थी, जो वित्त वर्ष 2020-21 के बजट अनुमान में घटकर 3,659 करोड़ रुपये पर आ चुकी है। आयोग ने रिपोर्ट में कहा है कि उज्जवला योजना में लाभुकों की संख्या बढ़ाने से LPG Subsidy का बोझ और ज्यादा बढ़ सकता है। हालांकि इसे केवल गरीब वर्ग तक सीमित रखा जाए, सब्सिडी वाले सिलेंडरों की संख्या को कैपिंग की जाए, तो इस बोझ को कम किया जा सकता है।

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बता दें कि उज्ज्वला योजना 1 मई 2016 को लॉन्च की गई थी, जिसके तहत गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों को एलपीजी कनेक्शन के लिए 1,600 रुपये दिए जाते हैं। उन्हें सब्सिडाइज्ड रसोई गैस सिलेंडर मुहैया कराए जाते हैं। 15वें वित्त आयोग की रिपोर्ट के मुता​बिक, पेट्रोलियम सब्सिडी के जरिए राजस्व प्राप्ति 2011-12 के 9.1 फीसदी की तुलना में घटकर वित्त वर्ष 2018-19 में यह 1.6 फीसदी पर आ गई थी। इसका सीधा प्रभाव जीडीपी पर पड़ा है।

 


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