राम लला की मूर्ति का काला रंग क्यों ? एक नहीं कई राज छिपे हैं इसके पीछे… जानें

Why is the black color of the idol of Ram Lala: मान्यता के अनुसार जन्म भूमि में बाल स्वरूप की उपासना होती है। यही वजह है कि भगवान श्री राम की मूर्ती बाल रूप में बनाई गई है।

राम लला की मूर्ति का काला रंग क्यों ? एक नहीं कई राज छिपे हैं इसके पीछे… जानें
Modified Date: January 22, 2024 / 07:53 pm IST
Published Date: January 22, 2024 7:44 pm IST

Why is the black color of the idol of Ram Lala: अयोध्याः राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद से राम लला की मूर्ती देखने के बाद से ही आपके मन में ये सवाल जरूर आया होगा कि भगवान राम की मूर्ति आखिर काली क्यों रखी गई है। तो आपको बता दें कि इसके पीछे एक नहीं बल्कि कई राज छिपे हैं।

आज अयोध्या में राम लला को देखकर करोड़ों लोगों की आंखें नम हो गईं। वहीं हर कोई खुशी से झूम उठा। और हो भी क्यों ना, 500 साल का इंतजार आखिरकार खत्म जो हुआ है। 22 जनवरी 2024 यानी आज के दिन प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम पूरे विधि विधान के साथ किया गया है। लेकिन जब से राम लला की मूर्ती देखने को मिली है, तब से हर किसी की जुबान पर बस ‘जय श्री राम’ का ही जाप है।
लेकिन मूर्ती देखने के बाद आपके मन में ये सवाल जरूर आया होगा, आखिर मूर्ती का रंग काला क्यों है? चलिए इस लेख के जरिए आपकी इस दुविधा को दूर करते हैैं?

राम लला की मूर्ती काली क्यों है?

दरअसल, राम लला की मूर्ती को शिला पत्थर से तैयार किया गया है, जिसको कृष्ण शिला के नाम से जाना जाता है, यही वजह है कि राम लला की मूर्ती काले रंग की है, जिसे हम श्यामल भी कहते हैं। शिला पत्थर के अपने कई गुण होते हैं। इस पत्थर में ही भगवान कृष्ण का नाम जुड़ा है जोकि राम के ही अवतार माने जाते हैं।

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क्यों खास है राम लला की मूर्ति में इस्तेमाल हुए पत्थर?

सवाल उठ रहे हैं कि राम लला की मूर्ती को इस पत्थर से ही आखिर क्यों बनाया गया है। इस सवाल का जवाब आपको इस पत्थर के गुणों में देखने को मिल जाएगा। दरअसल, रामलला की पूजा के समय उनका दूध से अभिषेक किया गया। अब इस पत्थर के गुण के कारण दूध में किसी भी तरह का बदलाव नहीं होगा। इस दूध को पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी नहीं है। इस पत्थर का हजार साल तक कुछ भी नहीं बिगड़ता है। इसमें किसी भी तरह का बदलाव नहीं होता है।

वाल्‍मीकि रामायण में भी है वर्णन

इसके अलावा वाल्‍मीकि रामायण में भगवान राम के जिस रूप के बारे में बताया गया है, उसमें उन्हें श्यामवर्णी, बेहद सुंदर, कोमल और आकर्षक बताए गए हैं। इसलिए रामलला की मूर्ती का रंग श्याम वर्ण रखा गया है।

बाल रूप में ही क्यों बनाई गई है मूर्ती

मान्यता के अनुसार जन्म भूमि में बाल स्वरूप की उपासना होती है। यही वजह है कि भगवान श्री राम की मूर्ती बाल रूप में बनाई गई है।

प्राण प्रतिष्ठा क्यों है जरूरी

प्राण प्रतिष्ठा के मायने यह हैं कि मूर्ती में प्राण डालना। बिना प्राण प्रतिष्ठा के मूर्ती पूजन पूरा नहीं माना जाता। मूर्ती में प्राण डालने के लिए मंत्र उच्चारण के साथ देवों का आवाहन होता है। इसलिए जिस भी प्रतिमा की पूजा होती है, उसकी प्राण प्रतिष्ठा करना बेहद जरूरी है।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com