स्कंद षष्ठी व्रत आज.. भगवान शिव की कृपा से इन राशियों की चमकेगी किस्मत, भाग्‍य का भरपूर साथ मिलेगा

30 June 2025 Horoscope/Skanda Shashthi Vrat: स्कंद षष्ठी व्रत आज.. भगवान शिव की कृपा से इन राशियों की चमकेगी किस्मत

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  • Publish Date - June 30, 2025 / 06:15 AM IST,
    Updated On - June 30, 2025 / 06:15 AM IST

30 June 2025 Horoscope/Skanda Shashthi Vrat/Image Credit: IBC24 File

HIGHLIGHTS
  • आज 30 जून दिन सोमवार को महीने का आखिरी दिन
  • आज स्कंद षष्ठी का व्रत भी रखा जाएगा
  • आज वृषभ, सिंह कन्‍या सहित 5 राशियों की किस्‍मत चमकेगी

30 June 2025 Horoscope/Skanda Shashthi Vrat: आज 30 जून दिन सोमवार को महीने का आखिरी दिन है। आज के दिन स्कंद षष्ठी का व्रत भी रखा जाएगा। यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र भगवान कार्तिकेय (स्कंद, मुरुगन, सुब्रमण्यम) को समर्पित है। इसके अलावा आज मघा नक्षत्र में रवि योग का शुभ संयोग बन रहा है। इस शुभ योग में भगवान शिव की कृपा से वृषभ, सिंह कन्‍या सहित 5 राशियों की किस्‍मत चमकने वाली है।

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स्कंद षष्ठी व्रत पर बने शुभ योग (Skanda Shashthi Vrat 2025 Muhurat)

आज 30 जून को सुबह 9 बजकर 23 मिनट से षष्ठी तिथि की शुरुआत  हो जाएगी। आज अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 58 मिनट से शुरू होकर 12 बजकर 53 मिनट तक रहेगा और राहुकाल का समय 7 बजकर 12 मिनट से शुरू होकर 8 बजकर 57 मिनट तक रहेगा। साथ ही आज रवि योग, गुरु आदित्य योग, मालव्य योग, सिद्धि योग समेत कई शुभ योग बन रहे हैं। भगवान कार्तिकेय की पूजा के लिए शुभ समय सूर्योदय का है। इसके अलावा आप चाहें तो अभिजीत मुहूर्त में सुबह 11 बजकर 58 मिनट से दोपहर 12 बजकर 53 मिनट तक पूजा कर सकते हैं।

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स्कंद षष्ठी व्रत पूजा विधि (Skanda Shashthi Vrat 2025 Puja Vidhi)

  • स्कंद षष्ठी व्रत कने वाले जातक सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान व ध्यान करें।
  • इसके बाद मंदिर या पूजा स्थल को साफ करें और गंगाजल छिड़ककर शुद्ध करें और आसन बिछाएं।
  • फिर एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और उसके ऊपर भगवान कार्तिकेय की प्रतिमा को स्थापित करें।
  • फिर भगवान गणेश और नवग्रहों की पूजा करें।
  • अब व्रत का संकल्प लेने के बाद कार्तिकेय भगवान के वस्त्र, इत्र, चंपा के फूल, आभूषण, दीप-धूप और नैवेद्य अर्पित करें।
  • भगवान कार्तिकेय को चंपा का पुष्प  अत्यंत प्रिय है। इसलिए उन्हें ये पुष्प अर्पित जरूर करें।
  • भगवान कार्तिकेय की आरती और तीन बार परिक्रमा करने के बाद “ॐ स्कन्द शिवाय नमः मंत्र का जाप करें।
  • इसके बाद आरती का आचमन कर आसन को प्रणाम कर प्रसाद ग्रहण करें।

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