नई दिल्ली: Aghori baba history आस्था की नगरी यानि प्रयागराज, उज्जैन, नासिक और ऋषिकेश में जब महाकुंभ का आयोजन किया जाता है तो यहां भारी मात्रा में साधु संतों का आगमन होता है। इन साधु संतों में से एक अघोरी भी होते हैं, जो कहां से आते हैं और कुंभ के बारे में कहां चले जाते हैं कोई नहीं जानता। अघोरी बाबाओं का जीवन बहुत ज्यादा कठिन और रहस्यमयी होता है। आइए जानें अघोरी बाबा की रहस्यमयी दुनिया के बारे में….
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Aghori baba history श्मशान घाट में तंत्र क्रियाएं करने वाले साधुओं को अघोरी बाबा कहा जाता है। अघोरी बाबा देर रात श्मशान में तंत्र-क्रियाएं और साधनाएं करते हैं। इनका इतिहास लगभग 1000 वर्ष पुराना है। अघोरी बाबाओं की जीवनशैली काफी कठिन होती है। इनका स्वरूप भी दूसरे बाबाओं के मुकाबले काफी अलग और डरावना होता है। एक बाबा को अघोरी का दर्जा तभी दिया जाता है, जब वह मन से प्रेम, नफरत, बदला, जलन आदि सभी तरह के भाव से मुक्त हो जाए।
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