Eid-ul-Adha 2025/Image Credit: ANI
Eid-ul-Adha 2025: नई दिल्ली। देशभर में आज ईद-उल-अजहा का पर्व मनाया जा रहा है। इस खास अवसर पर सुबह की नमाज अदा करने के लिए बड़ी संख्या में लोग ईदगाह पहुंचें। बता दें कि, बकरीद को ईद-उल-अजहा या कुर्बानी की ईद के नाम से भी जाना जाता है। बकरीद इस्लाम धर्म के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह पर्व हज यात्रा के समापन पर मनाया जाता है, जो इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है।
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— IBC24 News (@IBC24News) June 7, 2025
बता दें कि, इस बार सऊदी अरब में 27 मई को जिल-हिज्जा का चांद दिखाई दिया, जिसके अनुसार वहां बकरीद 6 जून को मनाई गई। वहीं, भारत में यह पर्व आज शनिवार यानि 7 जून, शनिवार को मनाया जा रहा है। यह दिन इस्लामी महीने जिल-हिज्जा की 10वीं तारीख को आता है, जिसे हज का अंतिम और सबसे पुण्यदायक दिन माना जाता है।
बकरीद केवल एक धार्मिक परंपरा ही नहीं, बल्कि यह आत्म-त्याग, सच्चे इरादों और इंसानियत की शिक्षा देने वाला पर्व है। यह त्योहार हमें याद दिलाता है कि अल्लाह पर विश्वास बनाए रखते हुए दूसरों की मदद करना और अपने स्वार्थ को त्यागना ही असली धर्म है।
बता दें कि, बकरीद का मूल भाव पैगंबर इब्राहिम की उस परीक्षा से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने अल्लाह के हुक्म पर अपने प्रिय पुत्र इस्माईल (अलैहिस्सलाम) की कुर्बानी देने का निश्चय किया था। पौराणिक मान्यता के अनुसार, पैगंबर इब्राहीम को एक रात सपना आया, जिसमें उन्हें अपने सबसे प्यारे बेटे की कुर्बानी देने को कहा गया। उन्होंने इसे अल्लाह की आज्ञा मानकर पालन किया और अपने बेटे को लेकर कुर्बानी के लिए निकल पड़े। जब उन्होंने बेटे की आंखों पर पट्टी बांधी और बलिदान देने लगे, तब अल्लाह ने उनकी परीक्षा को सफल मानते हुए इस्माइल को बचा लिया और उसकी जगह एक मेंढ़ा (भेड़) भेज दिया। यह घटना इस बात का प्रतीक है कि, सच्चे दिल से की गई भक्ति और समर्पण को अल्लाह स्वीकार करता है।