Chhath Puja 2022
Chhath Puja 2022 : भारत के हर राज्य में कई त्योहार मनाए जाते हैं, हर पर्व का अपना महत्व है। ऐसा ही एक त्योहार छठ है। छठ को लेकर आम धारणा है कि यह पर्व बिहार में रहने वाले लोगों का है। हालांकि, ऐसा नहीं है। यह त्योहार बिहार के अलावा झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल में भी मनाया जाता है। हालांकि, जो लोग बिहार से नहीं है, वह लोग भी इस त्योहार को मना सकते हैं। यह पर्व बेहद ही सादगी के साथ मनाया जाता है। कोई भी शख्स अगर छठ पर भगवान सूर्य और छठी मैया की अराधना करता है तो उसे विशेष आशीर्वाद की प्राप्ति होती है। चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व में महिलाएं अपने संतान के दीर्घायु के लिए और अपने परिवार की खुशहाली के लिए 24 घंटे से अधिक समय तक निर्जला उपवास रखती हैं। >>*IBC24 News Channel के WHATSAPP ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां CLICK करें*<<
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Chhath Puja 2022 : छठ पूजा के तीसरे दिन डूबते हुए सूर्य की विशेष पूजा की जाती है और उन्हें अर्घ्य देने का विधान है। मान्यता है कि भगवान सूर्य की पूजा करने से भक्तों को विशेष लाभ मिलता है और उनकी सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है। ज्योतिष शास्त्र में इस दिन के सन्दर्भ में कुछ विशेष नियमों को बताया गया है। जिन्हें करने से सूर्य से जुड़े दोष समाप्त हो जाते हैं और सभी कार्य सफल होते हैं।
Chhath Puja 2022 : छठ पूजा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करें और इसके तुरंत बाद भगवान सूर्य को अर्घ्य दें। इस दिन कच्चे चावल व गुड़ को बहते हुए पानी में प्रवाहित करने से भक्तों को विशेष लाभ होता है। साथ ही इस दिन चावल, दूध और गुड़ से बनी खीर का सेवन जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से सूर्य देव अत्यंत प्रसन्न होते हैं।
Chhath Puja 2022 : ज्योतिष शास्त्र के अनुसार छठ पूजा के दिन स्नान-ध्यान करने के बाद पूर्व दिशा में एक चौकी रखें और उसपर सफेद वस्त्र बिछाकर भगवान सूर्य की फोटो या प्रतिमा स्थापित करें। इस बात का ध्यान रखें कि आपका मुख पूर्व दिशा की तरफ हो। इसके बाद भगवान सूर्य की पूजा करें और उन्हें गुड़ का भोग जरूर लगाएं। इसके साथ उन्हें लाल पुष्प जरूर अर्पित करें।
Chhath Puja 2022 : ज्योतिष शास्त्र में एक उपाय यह भी बताया गया है कि छठ पूजा के दिन ताम्बे से बना सिक्का बहते हुए पानी में प्रवाहित करने से भक्तों को विशेष लाभ मिलता है। साथ ही ऐसा करने से सूर्य से जुड़े दोष से भी निवारण मिलता है। इसके साथ व्यक्ति लाल कपड़े में बंधे गेहूं और गुड़ का दान अवश्य करे। यह कार्य मनोकामना पूर्ति के लिए सबसे उचित माना जाता है।
Chhath Puja 2022 : इस त्योहार पर छठी मैया की पूजा की जाती है, जिन्हें भगवान सूर्य की बहन माना जाता है। वैसे तो ये त्योहार षष्ठी को मनाया जाता है, लेकिन इसकी शुरुआत चतुर्थी को नहाए-खाय से होती है। इसके अगले दिन खरना मनाया जाता है और षष्ठी की शाम और सप्तमी की सुबह को सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है, जिसके साथ ही इस चार दिवासीय पर्व की समाप्ति हो जाती है।