आज ऐसे करें आंवला वृक्ष की पूजा, मजबूत होगा बुध ग्रह, जीवनभर बरसेगी मां लक्ष्मी की कृपा

do this remedy to Amla tree today will become rich this week : आज ऐसे करें आंवला वृक्ष की पूजा, मजबूत होगा बुध ग्रह, माता लक्ष्मी की जीवनभर बरसेगी कृपा

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  • Publish Date - November 16, 2022 / 07:51 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:18 PM IST

धर्म। Tips For Wealth : प्राचीन काल से ही हमारे ऋषि मुनियों ने आवला को औषधीय रूप में प्रयोग किया। परन्तु आंवले का धार्मिक रूप से भी महत्व माना जाता है। आंवला पूजनीय और पवित्र माना गया है। वामन पुराण में कहा गया है कि आषाढ़ मास के प्रथम बुधवार को आंवला दान किसी ब्राम्हण को भक्तिपूर्वक करने से लक्ष्मी जी जो रूठ गई हों तो उन्हें प्रसन्न किया जा सकता है। आज आषाढ़ मास का बुधवार और पूर्वा आषाढ़ नक्षत्र भी है। माना जाता है कि आंवले के वृक्ष में भगवान विष्णु का वास होता है। यह वृक्ष विष्णु जी को अत्यंत प्रिय है। कहा जाता है कि आवंले के पेड़ से बुध ग्रह की शांति भी की जाती है। इस पेड की पूजा अर्चना करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वहीं वास्तुशास्त्र में भी आंवले का वृक्ष घर में लगाना शुभ माना जाता है। आंवले के पेड़ को हमेशा पूर्व दिशा में लगाना चाहिए इससे सकारात्मक उर्जा का प्रवाह होता है। इस वृक्ष को घर की उत्तर दिशा में भी लगाया जा सकता है। आंवला वृक्ष के नीचे बैठकर यज्ञ करने से लक्ष्मी जी की कृपा मिलती है।

जिस घर में आंवला सदा मौजूद रहता है, वहां दैत्य और राक्षस कभी नही आते। जो दोनों पक्षों की एकादशियों या बुधवार को आंवले का रस प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं। आंवले के दर्शन, स्पर्श तथा नाम उच्चारण से भगवान् विष्णु संतुष्ट हो कर अनुकूल हो जाते हैं। अतः अपने घर में आंवला अवश्य रखना चाहिए। जो भगवान् विष्णु को आंवले का बना मुरब्बा एवं नैवेध्य अर्पण करता है, उस पर वे बहुत संतुष्ट होते हैं।

आंवले का ज्योतिष में बुध ग्रह की पीड़ा शान्ति कराने के लिये स्नान कराया जाता है। जिस व्यक्ति का बुध ग्रह पीडित हो उसे बुधवार को स्नान जल में- आंवला, शहद, गोरोचन, स्वर्ण, हरड़, बहेड़ा, गोमय एंव अक्षत डालकर निरन्तर 15 बुधवार तक स्नान करना चाहिए जिससे उस जातक का बुध ग्रह शुभ फल देने लगता है। इन सभी चीजों को एक कपड़े में बांधकर पोटली बना लें। उपरोक्त सामग्री की मात्रा दो-दो चम्मच पर्याप्त है। पोटली को स्नान करने वाले जल में 10 मिनट के लिये रखें। एक पोटली 7 दिनों तक प्रयोग कर सकते है।

आंवले का वृक्ष घर में लगाना वास्तु की दृष्टि से शुभ माना जाता है। पूर्व की दिशा में बड़े वृक्षों को नहीं लगाना चाहिए परन्तु आंवले को इस दिशा में लगाने से सकारात्मक उर्जा का प्रवाह होता है। यदि कोई आंवले का एक वृक्ष लगाता है तो उस व्यक्ति को एक राजसूय यज्ञ के बराबर फल मिलता है। आंवले के वृक्ष के नीचे ब्राहमणों को मीठा भोजन कराकर दान दिया जाय तो उस जातक की अनेक समस्यायें दूर होती तथा कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।

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