Don't do these 5 things even by mistake today on Magh Purnima
Magh purnima 2023 : हिंदू धर्म में माघ पूर्णिमा को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। इसी दिन प्रयागराज की त्रिवेणी संगम में कल्पवास कर रहे लोगों का कल्पवास खत्म होता है। माघ पूर्णिमा के दिन गंगा नदी में स्नान करने का बड़ा महत्व है। इस दिन गंगा नदी में भगवान विष्णु स्वयं वास करते हैं। स्नान के बाद दान करना अक्षय पुण्य फल देता है। इसके अलावा माघ पूर्णिमा का दिन मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने का बेहद खास दिन होता है. इस दिन मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए किए गए उपाय अपार सुख-समृद्धि देते हैं।
शुभ शुभ मुहूर्त और विशेष संयोग
do these 5 simple remedies on Magh Purnima: हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ मास की पूर्णिमा तिथि का आरंभ 4 फरवरी की शाम को 7 बजकर 59 मिनट पर होगा और यह तिथि 5 फरवरी को रात में 10 बजकर 28 मिनट पर समाप्त होगी। इसलिए उदया तिथि की मान्यता के अनुसार माघ पूर्णिमा 5 फरवरी को मनाई जाएगी।
माघ पूर्णिमा पर रवि पुष्य योग में करें ये उपाय
Magh purnima 2023:: रवि पुष्य योग में सोना खरीदना सबसे शुभ माना जाता है। इस दिन सोना खरीदने के बाद उसे अपने घर के पूजा स्थान में मां लक्ष्मी को अर्पित करें। ऐसा करने से मां लक्ष्मी आपके धन में बरकत करती हैं और आपको सोना खरीदने के अन्य मौके प्राप्त होते हैं।
रवि पुष्य में भगवान कृष्ण की पूजा करनी चाहिए इौर उन्हें पीत वस्त्र पहनाने चाहिए। पूजा के बाद कान्हाजी को बेसन या फिर बूंदी के लड्डू का भोग लगाना चाहिए। इस उपाय को करने से संतान प्राप्ति में आ रही बाधा दूर होती है और साथ धन में भी वृद्धि होती है।
do these 5 simple remedies on Magh Purnima: माघ पूर्णिमा पर गंगाजल से स्नान करने के बाद भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का दूध और गंगाजल से अभिषेक करना चाहिए। इसके बाद श्रीसूक्त या फिर कनकधारा स्त्रोत का पाठ करना चाहिए। मां लक्ष्मी का कृपा आपको सदैव प्राप्त होती है।
माघ पूर्णिमा पर पीपल के पेड़ की पूजा करने का विशेष महत्व माना जाता है। पीपल के पेड़ को भगवान विष्णु का प्रिय माना जाता है। माघ पूर्णिमा के दिन पीपल के पेड़ पर दूध मिश्रित जल चढ़ाएं और घी का दीपक जलाएं। ऐसा करने से आपको भगवान विष्णु के साथ ही पितृगणों का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है।
Magh purnima 2023: माघ पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में गंगा स्नान करने से कई पुराने रोग दूर होते हैं। मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा अपनी सोलह कला से युक्त होकर अमृत वर्षा करते हैं। इस कारण नदियों का जल अमृत ये युक्त माना जाता है और इसमें स्नान करने आप सभी पापों से मुक्त होते हैं और रोग भी दूर होते हैं।