Panchak In Kharmas 2025: आज से साल का आखिरी पंचक… ये पांच दिन हैं बेहद खास, इन सावधानियों को नजरअंदाज करना पड़ सकता है भारी!

16 दिसंबर से शुरू हुए खरमास में शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते। इस दौरान पंचक लगने से लोग भय और भ्रम में रहते हैं। पंचक का मतलब है अशुभ समय, जिसमें विशेष सावधानी बरतनी चाहिए और जरूरी काम ही करें।

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  • Publish Date - December 24, 2025 / 01:01 PM IST,
    Updated On - December 24, 2025 / 01:17 PM IST

(Panchak In Kharmas 2025 / Image Credit: IBC24 News)

HIGHLIGHTS
  • पंचक: पांच दिन का अशुभ समय।
  • साल 2025 का आखिरी पंचक: 24 से 29 दिसंबर।
  • राज पंचक: पंचक बुधवार से शुरू होने पर कहा जाता है।

Panchak In Kharmas 2025: पंचक पांच दिनों का ऐसा समय होता है जिसे वैदिक शास्त्रों में अशुभ माना गया है। इस दौरान कुछ खास कार्य करने से बचने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इससे परिवार में झगड़ा, आर्थिक नुकसान और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं। हालांकि, अध्यात्मिक दृष्टि से यह समय नकारात्मक नहीं, बल्कि आध्यात्मिक शुद्धि और पूजा-पाठ का समय माना जाता है।

कब लगता है पंचक?

पंचक उस समय लगता है जब चंद्रमा धनिष्ठा नक्षत्र के उत्तरार्ध से लेकर रेवती नक्षत्र तक यात्रा करता है। पंचक में पांच तत्व अग्नि, जल, वायु, पृथ्वी और आकाश सक्रिय माने जाते हैं। साल 2025 का आखिरी पंचक बुधवार, 24 दिसंबर से 29 दिसंबर तक रहेगा। चूंकि यह बुधवार से शुरू हो रहा है, इसे शास्त्रों में राज पंचक कहा जाता है।

खरमास में पंचक का महत्व

जब पंचक खरमास के बीच पड़ता है, तो इसे द्विगुण दोष काल कहा जाता है। ऐसे समय में विशेष सतर्कता बरतना जरूरी है। यह अवधि घर और परिवार की सुरक्षा, आर्थिक संतुलन और मानसिक शांति के लिए सावधानी का समय माना जाता है।

पंचक में क्या करें और क्या न करें?

  • भगवान विष्णु का ॐ नमो भगवते वासुदेवाय का मंत्र जपें।
  • हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें।
  • अन्न, वस्त्र, तिल, गुड़ आदि का दान करें।
  • दक्षिण की दिशा में यात्रा से बचें।
  • घर में घास-लकड़ी इकट्ठा करना, छत डालना, या चारपाई बुनना, खोलना या बांधना वर्जित है।

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पंचक क्या होता है?

पंचक पांच दिनों का अशुभ समय होता है, जिसमें कुछ खास कार्यों से बचने की सलाह दी जाती है।

पंचक कब लगता है?

जब चंद्रमा धनिष्ठा नक्षत्र के उत्तरार्ध से रेवती नक्षत्र तक विचरण करता है, तब पंचक लगता है।

खरमास में पंचक का क्या महत्व है?

खरमास के भीतर पंचक पड़ने पर इसे द्विगुण दोष काल कहा जाता है और विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।

पंचक में कौन-कौन से कार्य वर्जित हैं?

घर में घास-लकड़ी लाना, छत डालना, चारपाई बुनना, खोलना या बांधना वर्जित माना गया है।