Masik Shivratri 2023
Pradosh Vrat 2023: इस वर्ष आश्विन माह का दूसरा व आखिरी प्रदोष व्रत आज यानी 26 अक्टूबर 2023 गुरुवार के दिन किया जाएगा। यह व्रत मुख्यतः भगवान शिव की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित है। इस दिन साधक पूरे विधि-विधान के साथ महादेव की आराधना और व्रत करते हैं। क्योंकि यह व्रत गुरुवार के दिन रखा जाएगा इसलिए इसे गुरु प्रदोष व्रत भी कहा जाता है।
क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त
आश्विन माह की शुक्ल त्रयोदशी तिथि का प्रारम्भ 26 अक्टूबर, गुरुवार के दिन, सुबह 09 बजकर 44 मिनट पर हो रहा है। साथ ही इसका समापन 27 अक्टूबर सुबह 06 बजकर 56 मिनट पर होगा। ऐसे में पूजा का शुभ मुहूर्त 26 अक्टूबर शाम 05 बजकर 41 मिनट से 08 बजकर 15 मिनट तक रहेगा।
पूजा-विधि
प्रदोष व्रत के दिन प्रातः काल में उठकर स्नान आदि से मुक्त होने के बाद भगवान शिव का स्मरण करते हुए व्रत का संकल्प लें। इसके बाद पूजा स्थल की अच्छे से साफ-साफई करने के बाद भगवान शिव की प्रतिमा या मूर्ति स्थापित करें। अब महादेव जी की विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना करें। प्रदोष व्रत के दिन निर्जला उपवास करना और भी फलदायी माना जाता है। साथ ही इस दिन भगवान शिव के मंत्रों का जाप जरूर करें। शाम के समय में पुनः भगवान शिव की विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना करने के बाद फलहार से अपना व्रत खोलें।
Pradosh Vrat 2023: प्रदोष व्रत में नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। साथ ही इस दिन पूर्ण-ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। इस दौरान तन, मन की स्वच्छता का भी विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। चतुर्दशी तिथि पर भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने के बाद ही प्रदोष व्रत का पारण करें। साधक को प्रदोष व्रत के दिन प्याज, लहसुन, मांस, मसूर, उड़द दाल, तंबाकू और शराब का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए।