Hanuman Chalisa Lyrics: ‘शंकर सुमन केसरी नंदन…’ गलत है हनुमान चालीसा की ये चौपाई, ऐसा पढ़ने से मिलता है विपरीत फल

'शंकर सुमन केसरी नंदन...' गलत है हनुमान चालीसा की ये चौपाई, ऐसा पढ़ने से मिलता है विपरीत फल! Hanuman Chalisa Lyrics Hindi pdf

Hanuman Chalisa Lyrics: ‘शंकर सुमन केसरी नंदन…’ गलत है हनुमान चालीसा की ये चौपाई, ऐसा पढ़ने से मिलता है विपरीत फल
Modified Date: April 6, 2023 / 01:22 pm IST
Published Date: April 6, 2023 1:19 pm IST

नई दिल्ली: Hanuman Chalisa Lyrics Hindi pdf देशभर में आज हनुमान जन्मोत्सव का पर्व मनाया जा रहा है। इस अवसर पर कुछ मंदिरों में हनुमान चालिसा का पाठ किया जा रहा है तो कहीं बजरंगब​ली का रुद्राभिषेक किया जा रहा है। लेकिन इस बीच तुलसी पीठाधीश्वर जगदगुरु रामभद्राचार्य का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। पद्मविभूषण रामभद्रचार्य हनुमान चालीसा की कई ऐसी गलतियों का खुलासा किया है, जिसके उच्चारण से आपको विपरीत ​फल मिल सकता है। कथावाचक रामभद्राचार्य 3 अप्रैल से आगरा में हैं।

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Hanuman Chalisa Lyrics Hindi pdf हनुमान चालिस की चार गलत चौपाइयां

  • – पद्मविभूषण रामभद्रचार्य ने कहा कि हनुमान चालीसा की एक चौपाई है-‘शंकर सुमन केसरी नंदन…’ उन्होंने बताया कि हनुमान को शंकर का पुत्र बोला जा रहा है, जो कि गलत है। शंकर स्वयं ही हनुमान हैं, इसलिए ‘शंकर स्वयं केसरी नंदन’ बोला जाना चाहिए।
  • – उन्होंने ने आगे कहा कि हनुमान चालीसा की 27वीं चौपाई बोली जा रही है- ‘सब पर राम तपस्वी राजा’, जो कि गलत है. उन्होंने बताया कि तपस्वी राजा नहीं है… सही शब्द ‘सब पर राम राज फिर ताजा’ है।
  • – उन्होंने बताया कि इसी तरह हनुमान चालीसा की 32वीं चौपाई में ‘राम रसायन तुम्हारे पास आ सदा रहो रघुवर के दासा…’ यह नहीं होना चाहिए। जबकि बोला जाना चाहिए- ‘… सादर रहो रघुपति के दासा’।
  • – उन्होंने बताया कि हनुमान चालीसा की 38वीं चौपाई में लिखा है- ‘जो सत बार पाठ कर कोई…’ जबकि होना चाहिए- ‘यह सत बार पाठ कर जोही…’

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वहीं, रामभद्राचार्य का कथावाचन कोठी मीना बाजार में चल रहा है। उन्होंने कोठी मीना बाजार का नाम बदलने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इसका नाम सीता बाजार रख दिया जाना चाहिए। जगदगुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनावों में मोदी सरकार एक बार फिर सत्ता में आएगी और सभी संत मिलकर रामचरित मानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित कराएंगे। सभी संत जन मिलकर सरकार पर दबाव बनाएंगे कि वह इस प्रस्ताव को संसद में पारित कराए।

 

 

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