Hariyali Teej 2025/ Image Credit: IBC24 File
नई दिल्ली : Hariyali Teej Vrat Niyam : सावन का महीना शुरू हो चुका है। इसके साथ ही अब त्योहार का भी सीजन शुरू हो रहा है। सावन माह में विशेष रूप से तीज का त्योहार देशभर में मनाया जाता है। हर साल की तरह इस साल भी हरियाली तीज, कजरी तीज और सिंधी तीज के बाद हरतालिका तीज का त्योहार मनाया जाएगा। सभी तीज में हरतालिका तीज सबसे बड़ी होती है। ये व्रत कुमारी और सौभाग्यवती स्त्रियां करती हैं। इस व्रत में अन्न और जल कुछ भी ग्रहण नहीं किया जाता।
हरियाली तीज की तृतीया तिथि की शुरुआत 6 अगस्त को रात 7 बजकर 52 मिनट पर होगा और तिथि का समापन 7 अगस्त को रात 10 बजकर 05 मिनट पर होगा। उदयातिथि के अनुसार, इस बार हरियाली तीज 7 अगस्त को ही मनाई जाएगी।
हरियाली तीज पर इस बार परिघ योग, शिव योग और रवि योग का निर्माण होने जा रहा है। इस दिन रवि योग रात 8 बजकर 30 मिनट से लेकर अगले दिन 8 अगस्त को सुबह 5 बजकर 47 मिनट तक है। वहीं, परिघ योग सुबह से लेकर 11 बजकर 42 मिनट तक है और शिव योग अगले दिन रहेगा।
Hariyali Teej Vrat Niyam : महिलाओं को हरियाली तीज के दिन सुबह जल्दी उठना चाहिए और पूजा अनुष्ठान से पहले अपने पूजा घर की अच्छे से साफ सफाई करनी चाहिए। साथ ही इस दिन घर में तामसिक भोजन नहीं बनाना चाहिए।
हरियाली तीज के दिन महिलाओं को सोलहा श्रृंगार करना चाहिए और उसमें भी हरी चीजों का अधिक प्रयोग करना चाहिए। जैसे हरी चूड़ियां, हरे वस्त्र आदि। महिलाओं को इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि आप काले, नीले या सफेद रंग के वस्त्र इस दिन न पहनें।
Hariyali Teej Vrat Niyam : हरियाली तीज का व्रत पारण चंद्रमा की पूजा करने के बाद ही किया जाता है। यह व्रत निर्जला रखा जाता है। साथ ही इस दिन दूध का सेवन नहीं करना चाहिए। दरअसल, इस दिन माता पार्वती के साथ भगवान शिव की पूजा अर्चना की जाती है और उनका दूध से अभिषेक किया जाता है।
हरियाली तीज का व्रत जो भी महिलाएं कर रहीं है या नहीं कर रहीं हैं उन्हें भी अपने पति के साथ वाद विवाद नहीं करना चाहिए। साथ ही किसी के किसी की बुराई भी नहीं करनी चाहिए। किसी से ईर्ष्या आदि भी न रखें और इस दिन पूजा पाठ करते समय अपने मन को शांत और प्रसन्न रखें।
Hariyali Teej Vrat Niyam :हरियाली तीज के दिन उपवास रखना बहुत ही लाभकारी होता है। अगर व्रत ना रख पाएं तो केवल सात्विक आहार ग्रहण करें। इस दिन महिलाओं को श्रृंगार जरूर करना चाहिए, साथ ही मां पार्वती को श्रृंगार की सामग्री जरूर अर्पित करें। किसी सुहागिन स्त्री को श्रृंगार की सामग्री को उपहार में दें। इस दिन महिलाओं को काले, सफेद या भूरे कपड़े नहीं पहनने चाहिए। हरियाली तीज पर प्रदोष काल में ही पूजा करना सबसे उत्तम होता है।