Kalashtami of Paush Month Today : नई दिल्ली। हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी भगवान शिव के रौद्र अवतार यानी काल भैरव को समर्पित है। इसे कालाष्टमी कहते हैं। काल भैरव की उत्पत्ति भगवान शिव के क्रोध से हुई है। भगवान काल भैरव को दंडनायक की उपाधि प्राप्त है। मान्यता है कि जो कालाष्टमी पर इनकी सच्ची श्रद्धा से उपासना करता है उसे जीवन में कभी कष्टों का सामना नहीं करना पड़ता है। बाबा काल भैरव का रूप अत्यंत विकराल और प्रचंड है। कालाष्टमी पर पूजा करने से साधक शनि, राहु और केतु को दुष्प्रभाव से भी मुक्ति पाता है लेकिन जो लोग अनिष्ट करते हैं उन्हें काल भैरव का प्रकोप झेलना पड़ता है।
Kalashtami of Paush Month Today : हिंदू पंचांग के अनुसार पौष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 16 दिसंबर 2022 को सुबह 01 बजकर 39 मिनट पर होगी और इसका समापन 17 दिसंबर 2022 को सुबह 03 बजकर 02 मिनट पर होगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान काल भैरव का जन्म दोपहर में हुआ था ऐसे में इस दिन उनकी पूजा अभिजित मुहूर्त में करना उत्म होगा। वहीं तंत्र साधना के लिए निशिता मुहूर्त उत्तम है। गृहस्थ जीवन वालों को काल भैरव की तामसिक पूजा नहीं करनी चाहिए।
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Kalashtami of Paush Month Today : इस दिन सुबह जल्दी स्नान करके साफ सुथरे कपड़े पहन लें। इसके बाद घर काल भैरव भगवान का चित्र या मूर्ति को पूजा चौकी पर स्थापित कर लें। इसके बाद घूप- अगरबत्ती जलाएं। देश के अनेक क्षेत्रों में इस दिन देवी मां दुर्गा की पूजा का विधान भी है। इसलिए मां दुर्गा की भी पूजा करें। इसके बाद बाबा भैरवनाथ को फूल, अक्षत्, माला, पान, धूप, दीप आदि अर्पित करें। काल भैरव के मंत्र “ऊं काल भैरवाय नमः” का जाप करें। साथ ही शाम को मंदिर जाकर कालभैरव भगवान को इमरती का भोग लगाएं और सरसों के तेल का दीपक जलाएं। काला कुत्ता भगवान भैरव का वाहन माना जाता है। इसलिए कालाष्टमी के दिन कुत्तों को दूध, दही और मिठाई खिला सकते हैं।
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– कालाष्टमी के दिन केवल काल भैरव की पूजा न करें, बल्कि भगवान शिव की पूजा जरूर करें। तभी व्यक्ति को भगवान भैरव का आशीर्वाद और कृपा मिलती है।
– कालाष्टमी के दिन यदि पूजा ना भी कर पाएं तो भैरव मंदिर में सिंदूर, सरसों के तेल, नारियल, चना इत्यादि का दान करें। इससे संकटों से बचाव होता है। जो लोग बार-बार दुर्घटनाओं का शिकार होते हैं वे भैरव मंदिर में सरसों के तेल का दीपक जरूर जलाएं।
– कालाष्टमी के दिन काले कुत्ते को मीठी रोटियां खिलाना काल भैरव की कृपा दिलाता है।
– वैसे तो किसी भी दिन काल भैरव की सवारी माने गए कुत्ते को ना सताएं लेकिन कालाष्टमी के दिन तो ऐसा करने की गलती बिल्कुल न करें। वरना बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
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मेष राशि
सूर्य का गोचर आपकी राशि की कुंडली में अष्टम भाव से नवम में हो रहा है। जो भाग्योदय का संकेत है। साथ ही सुख-साधनों को बढ़ाने वाला है। जो लोग सरकारी नौकरी की उम्मीद लगाए बैठे हैं। उन्हे शुभ समाचार मिल सकता है। साथ ही इस समय के दौरान आपको परिवार का पूरा साथ मिल सकता है।
मिथुन राशि
सूर्य का गोचर आपके लिए बहुत शुभ माना जा सकता है। अगर बिजनेसमैन है तो मुनाफे के सौदे मिलेंगे। लेकिन शादीशुदा हैं तो जीवन में थोड़ा तनाव भी आ सकता है जो बातचीत के बाद खत्म हो जाएगा। मिथुन राशि का स्वामी बुध है। सूर्य के मित्र माने जाते हैं। ऐसे में ये गोचर अनुकूल परिस्थियां लाने वाला होगा।
कर्क राशि
सूर्य का राशि परिवर्तन कर्क जातकों को लंबे वक्त से चली आ रही कोर्ट कचरही की परेशानी से निजात दिलाने वाला होगा। क्योंकि सूर्य देव आपकी गोचर कुंडली से छठे भाव गोचर करेंगे। इसलिए इस दौरान आपको कार्ट- कचहरी के मामले में सफलता मिलने की पूरी संभावना है।
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