Bhaum Pradosh Vrat 2025/ Image Credit: IBC24 File
नई दिल्ली। Som Pradosh Vrat 2025: हिंदू धर्म में हर महीने कई तरह के व्रत और त्योहार आते हैं और इन सब का अपना अलग महत्व होता है। ऐसे ही 23 जून को सोम प्रदोष व्रत रखा जाएगा। यह दिन भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन भगवान शिव के भक्त भोलेनाथ और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा और व्रत का पालन करते हैं। इसके साथ ही इस व्रत के लाभ से अविवाहितों के विवाह के योग बनने के साथ मनपसंद जीवन साथी भी मिल सकता है। तो चलिए जानते हैं इसकी पूजा विधि और इस व्रत का महत्व।
आषाढ़ माह कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 23 जून को देर रात 1 बजकर 21 मिनट पर होगा, जिसका समापन 23 जून को रात 10 बजकर 9 मिनट पर होगा। ऐसे में प्रदोष व्रत 23 जून को किया जाएगा।
व्रत वाले दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद पूजा के लिए सबसे पहले मंदिर में चौकी को रखें। इस पर लाल रंग का साफ वस्त्र बिछा लें। अब इस पर भगवान शिव और मां पार्वती की मूर्ति को रखें। इसके बाद शिवलिंग पर शहद, घी और गंगाजल से अभिषेक करें और कनेर फूल, बेलपत्र और मिठाई का भोग लगाएं। शुद्ध देसी घी का दीप जलाएं और महाकाल के मंत्रों का जाप करके शिव जी की आरती करें और साथ ही शिव चालीसा का पाठ करें। पूजा पूरी होने के बाद महादेव को भोग लगाए और प्रसाद बांटे।
Som Pradosh Vrat 2025: इस व्रत के लाभ से संतान सुख की प्राप्ति होती है। यह प्रदोष व्रत करने से मनुष्य के सभी पाप धुल जाते है और उन्हें शिव धाम की प्राप्ति होती है साथ ही सुख- समृध्दि की प्राप्ति होती और दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है।