Shiv ji ke Gun : “चिंताओं से घिरा है मस्तिष्क?” तो सावन में करें शुरुआत और अपनाएं भगवान भोलेनाथ के ये गुण और पाएं टेंशन से मुक्ति

"Is your mind surrounded by worries?" So start in Sawan and adopt these qualities of Lord Bholenath and get rid of tension

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  • Publish Date - July 14, 2025 / 06:36 PM IST,
    Updated On - July 14, 2025 / 06:42 PM IST

Shiv ji ke Gun

Shiv ji ke Gun : भगवान शिव को रूद्र नाम से जाना जाता है रुद्र का अर्थ है रुत् दूर करने वाला अर्थात दुखों को हरने वाला अतः भगवान शिव का स्वरूप कल्याण कारक है। शिवजी को संहार का देवता कहा जाता है। शंंकर जी सौम्य आकृति एवं रौद्ररूप दोनों के लिए विख्यात हैं। इन्हें अन्य देवों से बढ़कर माना जाने के कारण महादेव कहा जाता है। सृष्टि की उत्पत्ति, स्थिति एवं संहार के अधिपति शिव हैं।
श्रावण माह भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है अपने स्ट्रेस और टेंशन को दूर करने के लिए अपनाएं भगवान् शिव के ये ख़ास गुण। आईये विस्तार से जाने शिव जी के गुणों के बारे में..

Shiv ji ke Gun

भगवान शिव के अनेक गुण हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं: अपनापन और करुणा, मौन और ध्यान, क्षमा भाव, सृजन और संहारक शक्ति, आडम्बर मुक्त, संगीत से प्रेम और स्वीकृति अथवा स्वीकारना। शिवजी को ‘महादेव’ कहा जाता है, जिसका अर्थ है महान देवता। वे ‘आशुतोष’ भी हैं, अर्थात जो शीघ्र प्रसन्न होते हैं।

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अपनापन और करुणा
भोलेनाथ अपने भक्तों से बेहद प्रेम करते हैं और सच्चे भाव से पुकारने पर तुरंत प्रसन्न हो जाते हैं। जब आप दूसरों के लिए अपनापन और करुणा का भाव रखते हैं, तो आपके मन का तनाव स्वतः कम हो जाता है।

मौन और ध्यान
भोलेनाथ अधिकतर मौन रहते हैं और ध्यान में लीन रहते हैं। वैज्ञानिक भी मानते हैं कि मेडिटेशन यानी ध्यान स्ट्रेस को कम करने का बेहद प्रभावी तरीका है। शांत रहकर खुद को नियंत्रित रखना शिव से बड़ा कोई योगी नहीं हुआ। आप भी रोज़ 10-15 मिनट का मौन ध्यान करके अपने दिमाग को शांति दे सकते हैं।

क्षमा भाव, क्रोध पर नियंत्रण
शिव जी के एक प्रमुख गुणों में है क्षमा। वे त्रिपुरासुर जैसे दैत्यों को भी क्षमा कर देते हैं। यदि हम जीवन में दूसरों की गलतियों को माफ करना सीख जाएं, तो हमारे मन में नकारात्मकता और टेंशन का भार काफी कम हो जाएगा।

Shiv ji ke Gun

सृजन और संहारक शक्ति:
शिवजी सृष्टि के रचयिता और संहार करने वाले भी हैं। नकरात्मकताओं से गुजरते हुए भी सकरात्मक बने रहना समुद्रमंथन से जब विष बाहर आया, तो सभी ने कदम पीछे खींच लिए थे क्योंकि विष कोई नहीं पी सकता था। तब भगवान शिव ने सृष्टि की भलाई अथवा सृष्टि को सुरक्षित रखने के लिए उस विष को ग्रहण किया और नीलकंठ कहलाये । वे सृष्टि के आरंभ में शक्तियों को मुक्त करते हैं और प्रलय के समय उन्हें अपने भीतर ले लेते हैं।

आडम्बर मुक्त
आडम्बर मुक्त अथवा बाहरी सुंदरता की जगह गुणों को चुनना, शिव जी अपने शरीर पर भस्म लगाते हैं और बाघंबर धारण करते हैं। उनका यह व्यवहार हमें सिखाता है कि जीवन में सादगी अपनाकर भी गरिमा और आत्मसंतोष पाया जा सकता है। अनावश्यक दिखावे की चिंता तनाव का बड़ा कारण होती है।

संगीत से प्रेम
शिव जी का डमरू संगीत का प्रतीक है। वैज्ञानिक तौर पर भी सिद्ध है कि मधुर संगीत सुनने से मानसिक तनाव कम होता है। खासकर शास्त्रीय संगीत या मंत्रों का उच्चारण आपके मस्तिष्क की तरंगों को शांत करता है।

Shiv ji ke Gun

स्वीकृति अथवा स्वीकारना
भगवान शिव भूतों के भी स्वामी हैं, उन्हें हर रूप स्वीकार है। यह गुण हमें सिखाता है कि जीवन में हर परिस्थिति को स्वीकार करना सीखें। जब आप जीवन की सच्चाई को स्वीकार कर लेते हैं, तो चिंता और तनाव अपने आप दूर हो जाते हैं।

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