Publish Date - July 23, 2025 / 05:11 PM IST,
Updated On - July 23, 2025 / 05:17 PM IST
HIGHLIGHTS
24 जुलाई 2025 को मनाई जाएगी हरियाली अमावस्या
पितृ तर्पण, गंगा स्नान, वृक्षारोपण व दान-पुण्य करने से मिलते हैं अक्षय फल
Hariyali Amavasya 2025: सावन की अमावस्या को हरियाली अमावस्या के नाम से जाना जाता है। यह पर्व प्रकृति, पितरों और परमात्मा को समर्पित होता है। इसके साथ ही नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए बहुत खास माना जाता है। जहां एक ओर यह दिन पेड़ों की हरियाली और पर्यावरण के प्रति सम्मान का प्रतीक बनता है, वहीं दूसरी ओर ग्रामीण अंचलों में महिलाओं के लिए यह दिन एक विशेष लोक परंपरा से जुड़ा होता है—झूले की पूजा। नारद पुराण में वर्णित है कि इस दिन श्राद्ध, दान, होम, देवपूजन और वृक्षारोपण करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है।
इस साल सावन मास की अमावस्या तिथि आरंभ 24 जुलाई , सुबह 2:29 बजे से शुरू होगी और 25 जुलाई को रात 12:41 बजे समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार 24 जुलाई को हरियाली अमावस्या मनाई जाएगी। इस दिन गंगा स्नान और दान का बहुत अधिक महत्व है। इस दिन पितरों का श्राद्ध करना उत्तम रहता है। इस साल हरियाली अमावस्या पर गुरु पुष्य योग बन रहा है। यह योग ज्ञान, समृद्धि का प्रतीक है। इस बार सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग में जो भी काम किया जाता है, उसमें सफलता मिलती है। इसके अलावा अमृत सिद्धि योग बन रहा है, इस योग में दीर्घायु और समृद्धि आती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन (Hariyali Amavasya 2025) कुछ विशेष जगहों पर दीपक जलाने या रोशनी करने से घर से दुख और दरिद्रता दूर होती है और सुख-समृद्धि का वास होता है।