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नई दिल्ली। Jagannath Rath Yatra 2025: हर साल की तरह इस साल भी ओडिशा के पुरी में बड़े ही धूम-धाम से विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ रथ यात्रा निकाली जाएगी। जिसमें देशभर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। इस साल पुरी जगन्नाथ रथ यात्रा 27 जून 2025 को है। भगवान जगन्नाथ का मंदिर हिंदुओं के चार धाम में से एक है। जहां हर साल लाखोंं की संख्या में लोग पहुंचते हैं। जगन्नाथ रथ यात्रा में भगवान जगन्नाथ यानी श्रीकृष्ण, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा को सुंदर वस्त्रों में सुसज्जित करके रथ यात्रा निकाली जाती है। वहीं रथ यात्रा की एक अनोखी परंपरा है सोने की झाड़ू से रथ यात्रा के मार्ग की सफाई करना। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। तो चलिए जानते हैं इसके पीछे का महत्व।
दरअसल, सोने को एक पवित्र धातु माना जाता है और इसका उपयोग रथ यात्रा के मार्ग को शुद्ध करने के लिए किया जाता है। सोने की झाड़ू का उपयोग भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के प्रति सम्मान और भक्ति व्यक्त करने का एक तरीका है। सोना अक्सर देवताओं और ईश्वर से जुड़ा होता है और सोने के झाड़ू का उपयोग रथ यात्रा के मार्ग को दिव्य बनाने के लिए किया जाता है।
Jagannath Rath Yatra 2025: बता दें कि, सोने की झाड़ू का उपयोग नकारात्मक ऊर्जा और बुराई को दूर करने और रथ यात्रा के लिए सकारात्मक और शुद्ध वातावरण बनाने के लिए किया जाता है। साथ ही कहा जाता है कि, जो व्यक्ति इस रथ यात्रा में शामिल होता है। उसे मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। वहीं मान्यता है कि भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा जब रथ यात्रा पर निकलते थे, तो वे अपने भक्तों के घरों के दरवाजे खटखटाते थे। यदि कोई भक्त घर पर नहीं होता है, तो भगवान दरवाजे को सोने की झाड़ू से स्पर्श करते हैं, जिससे यह दर्शाया जाता है कि वे उसके घर में आए थे। जो आशीर्वाद और प्रेम को दर्शाता है।