#SarkarOnIBC24 : SC/ST आरक्षण में कोटे के भीतर कोटा का विरोध, LJP के बाद मायावती ने संभाला मोर्चा

#SarkarOnIBC24 : सुप्रीम कोर्ट के SC/ST आरक्षण में कोटे के भीतर कोटा के फैसले का लोक जनशक्ति पार्टी के बाद अब बहुजन समाज पार्टी ने भी विरोध

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  • Publish Date - August 4, 2024 / 11:54 PM IST,
    Updated On - August 4, 2024 / 11:54 PM IST

#SarkarOnIBC24

लखनऊ : #SarkarOnIBC24 : सुप्रीम कोर्ट के SC/ST आरक्षण में कोटे के भीतर कोटा के फैसले का लोक जनशक्ति पार्टी के बाद अब बहुजन समाज पार्टी ने भी विरोध किया है। BSP प्रमुख मायावती ने आज प्रेस कॉन्फैंस कर इसके विरोध में अपने तर्क रखे। मायावती के मुताबिक राज्य सरकारें उप-वर्गीकरण के नाम पर आरक्षित वर्गों की नई सूचियां बना सकेंगी, जिससे नए मुद्दे पैदा होंगे। इससे SC/ST आरक्षण कमजोर होगा। आपको बता दे सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की बैंच ने 1 अगस्त को SC/ST आरक्षण में राज्य सरकारों को अति पिछड़ी जातियों के लिए सब कैटेगरी बनाने की इजाजत दी है।

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#SarkarOnIBC24 :  कहा, “सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की बेंच ने 1 अगस्त 2024 को SC और ST के आरक्षण के संबंध में महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले में अन्य बातों के अलावा SC और ST के उप-वर्गीकरण को मान्यता दी गई है, जिस पर और भी बहुत सी बातें कही गई हैं जिससे हमारी पार्टी सहमत नहीं है। इस संबंध में, देविंदर सिंह बनाम पंजाब राज्य मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले में, राज्य सरकारें उप-वर्गीकरण के नाम पर आरक्षित वर्गों की नई सूचियां बना सकेंगी, जिससे नए मुद्दे पैदा होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले के जरिए, ईवी चिन्नैया बनाम आंध्र प्रदेश राज्य में 5 जजों की बेंच द्वारा 2004 में दिए गए अपने 20 साल पुराने फैसले को पलट दिया है, जिसमें SC और ST के वर्गीकरण की अनुमति नहीं दी गई थी।

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