#SarkarOnIBC24: पीएम मोदी को सीएम भूपेश की पाती.. देश और राज्य के सरोकार, केंद्र के लिए कितना असरदार? जानने के लिए देखें ‘सरकार’..
Sarkar on IBC24
Sarkar On IBC24: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने PM नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है.. जिसमें उन्होंने अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए अलग से कोड निर्धारित करते हुए राष्ट्रीय जनगणना करवाने का अनुरोध किया है। इसके साथ ही उन्होंने स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार के मौके उपलब्ध करवाने के लिए NMDC का मुख्यालय हैदराबाद से जगदलपुर स्थानांतरित करने का भी आग्रह किया है। CM भूपेश ने पत्र में ये भी जिक्र किया कि 27% OBC आरक्षण को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल किया जाए। इस पत्र को लेकर कांग्रेस नेताओं ने PM मोदी से मांग की है कि वो लोगों में हित में फैसला लें। वहीं BJP नेताओं ने कांग्रेस पर निशाना साधा है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अन्य पिछड़ा वर्गों हेतु पृथक से कोड निर्धारित करते हुए राष्ट्रीय जनगणना करवाने का अनुरोध किया, साथ ही उन्होंने स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने हेतु एनएमडीसी का मुख्यालय हैदराबाद से जगदलपुर स्थानान्तरित करने का भी आग्रह किया है। मुख्यमंत्री बघेल ने पत्र में कहा है – अन्य पिछड़ा वर्गों के आरक्षण जैसे महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील विषय पर और विलम्ब न करते हुए आवश्यक पहल कर शीघ्र अतिशीघ्र सकारात्मक निर्णय लेने का कष्ट करें। सीएम बघेल ने लिखा है कि -मेरे द्वारा अप्रैल 2023 में छत्तीसगढ़ राज्य के अन्य पिछड़ा वर्गों के व्यक्तियों को 27 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिये जाने तथा इस विषय को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल करने का आपसे अनुरोध किया गया था,आप सहमत होंगे कि सदियों से सामाजिक-राजनीतिक अधिकारों से वचित बड़ी आबादी को संविधान प्रदत्त समानता एवं सामाजिक न्याय की भावना के अनुरूप आरक्षण का लाभ दिया जाना आवश्यक है। सीएम बघेल ने लिखा है – राज्य विधानसभा द्वारा दिसंबर 2022 में सर्वसम्मति से पारित विधेयक में राज्य में अनुसूचित जनजातियों, अनुसूचित जातियों, अन्य पिछड़ा वर्गों तथा ई.डब्ल्यू.एस. के लोगों के लिये क्रमशः 32, 13, 27 एवं 4 प्रतिशत आरक्षण लागू करने संबंधी विधेयक पारित किया गया था। दुर्भाग्य से वह विधेयक अभी तक राजभवन में अनुमोदन हेतु लंबित है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लिखा है- समाज की बड़ी आबादी को उनके संवैधानिक अधिकारों से वंचित रखने से उनके मन में रोष व्याप्त होना स्वाभाविक है। राज्य सरकार के सभी प्रयासों के बाद भी अन्य पिछड़ा वर्गों के लोगों को 27 प्रतिशत आरक्षण का लाभ न मिल पाना समझ से परे है।
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Sarkar On IBC24: सूबे के मुखिया सीएम भूपेश बघेल ने एकबार फिर आरक्षण के मुद्दे पर केंद्र सरकार व भाजपा पर निशाना साधा है। सीएम ने कहा कि, विधानसभा में हमने अनुसूचित जनजाति के लिए 32 प्रतिशत, अनुसूचित जाति के लिए 13 प्रतिशत, पिछड़ा वर्ग के लिए 27 प्रतिशत और ईडब्ल्यूएस के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण के साथ कुल 76 परसेंट आरक्षण का प्रस्ताव पारित किया है। 2 दिसंबर को प्रस्ताव पारित कर राजभवन को भेजा गया है, लेकिन अब तक उसकी स्वीकृती नहीं मिली है। दूसरी तरफ बिहार में जो जातिगत जनगणना किया जा रहा है उसमें भी हाईकोर्ट ने स्टे देने से मना कर दिया है। वह भी सुप्रीम कोर्ट गए हैं। लेकिन सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार के अटॉर्नी जनरल तुषार मेहता जातिगत जनगणना का विरोध कर रहे हैं। इससे साफ है भारतीय जनता पार्टी सही मायने में आरक्षण विरोधी है। आगे उन्होंने कहा कि, सार्वजनिक उपक्रमों को बेचा जा रहा है। खदानों को निजी हाथों में दिया जा रहा है। SECL खदान को निजी हाथों में सौंप रहा है, NMDC के खदान निजी हाथों में दिए जा रहे हैं। पूरे सार्वजनिक उपक्रमों को खत्म करने का काम किया जा रहा है। आगे सीएम ने कहा कि, यदि सभी उपक्रम निजी हाथों में जाएगा तो फिर आरक्षण का लाभ कैसे मिलेगा। आगे एक सवाल के जवाब में सीएम ने कहा, अरुणाचल प्रदेश शुरू से ही भारत का हिस्सा रहा है। भारत सरकार को चाहिए कि इसका पुरजोर विरोध करें। नक्शा जारी किया है उसमें सुधार हो। जो लाल आंख दिखाने की बात कही गई थी आज वो दिखाई देना चाहिए।
सीएम भूपेश बघेल द्वारा ओबीसी आरक्षण, जनगणना, और NMDC मुख्यालय को जगदलपुर शिफ्ट किए जाने की मांग को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी को लिखे गए पत्र पर मंत्री शिव डहरिया का कहना है की कांग्रेस शुरू से ये मांग कर रही है । आरक्षण का विधायक विधानसभा में पारित कर दिया गया है, लेकिन राजभवन में रुका हुआ है, इसलिए पीएम को छत्तीसगढ़ के लोगो के हितों को ध्यान में रखते हुए इस मामले में हस्तक्षेप करे । एनएमडीसी का मुख्यालय जगदलपुर होने से न सिर राज्य को आर्थिक लाभ होगा बल्कि युवाओं में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

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