बाबा महाकाल की भस्म आरती में पिछले 250 साल से निभाई जा रही है ये परंपरा, जानकर आप भी रह जाएंगे हैरान
बाबा महाकाल की भस्म आरती में पिछले 250 साल से निभाई जा रही है ये परंपरा! bhog to baba mahakal by begging in bhasma aarti
Ujjain Bhasma Aareti
उज्जैन: बाबा महाकाल की महिमा विश्वविख्यात है। बाबा महाकाल के दर्शन के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भक्त खींचे चले आते हैं। वहीं, बाबा महाकाल की भस्म आरती भी दुनियाभर में प्रसिद्ध है। उज्जैन स्थित बाबा महाकाल के मंदिर में भस्म आरती में शामिल होने के लिए देर रात से ही लंबी कतार लगती है। ऐसा कहा जाता है कि चीता की राख से बाबा महाकाल का श्रृंगार किया जाता है। लेकिन भस्म आरती को लेकर एक और बड़ी परंपरा है, जिसे यहां के पुजारी पिछले 250 वर्ष से लगातार निभाते आ रहे हैं।
दरअसल बाबा महाकाल को भस्म आरती में भिक्षा मांग कर भोग लगाया जाता है। बताया जाता है कि ये परंपरा पिछले 250 साल से सतत जारी है। प्रतिदिन मंदिर की ओर से एक सेवक बाजार से भिक्षा लेकर अगले दिन होने वाली भस्म आरती की तैयारी करता है। भिक्षा में भांग मिठाई, दूध, दही और बीड़ा सहित श्रृंगार की सामग्रियां श्रद्धालुओं द्वारा की जाती है। बाबा महाकाल के लिए दान कर श्रद्धालु खुद को सौभाग्यशाली मानते हैं।
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इनमें से कई श्रद्धालु ऐसे भी हैं जो तीन पीढ़ियों से बाबा महाकाल की भस्म आरती के लिए भिक्षा देते आ रहे हैं। कुछ तो इसे अपनी तरक्की का मार्ग मानते हैं, क्योंकि कई लोगों का ऐसा मानना है कि उन्होंने जब से भस्म आरती के भोग के लिए भिक्षा देना शुरू की है, तब से उनकी दरिद्रता दूर होते हुए व्यवसाय में बरकत के साथ उन्नति मिली है।

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