पूर्व सचिव चौहान के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई पर विचार कर रहा है एआईसीएफ

पूर्व सचिव चौहान के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई पर विचार कर रहा है एआईसीएफ

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  • Publish Date - August 29, 2024 / 06:34 PM IST,
    Updated On - August 29, 2024 / 06:34 PM IST

चेन्नई, 29 अगस्त (भाषा) अखिल भारतीय शतरंज महासंघ (एआईसीएफ) अपने पूर्व सचिव और फिडे सलाहकार बोर्ड के सदस्य भरत सिंह चौहान के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई पर विचार कर रहा है क्योंकि उन्होंने अपने कार्यकाल से जुड़े किसी भी कथित गुम दस्तावेज के अस्तित्व से इनकार किया है।

बुधवार को एआईसीएफ ने अपने सभी सदस्यों को 12 सितंबर को होने वाली आम सभा की विशेष बैठक (एसजीएम) को लेकर नोटिस जारी किया।

एसजीएम में चर्चा के बिंदुओं में ‘एआईसीएफ की आम सभा द्वारा भरत सिंह, नरेश शर्मा, डॉ. विपनेश भारद्वाज और एके वर्मा के खिलाफ शुरू की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई के संबंध में आवश्यक कार्रवाई करना’ शामिल होगा।

वर्तमान में दिल्ली शतरंज संघ के अध्यक्ष चौहान को पांच अगस्त को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था और एआईसीएफ सचिव के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान कथित रूप से गायब कुछ दस्तावेज जमा करने के लिए कहा गया था। उनका कार्यकाल 2022 में समाप्त हुआ था। चौहान के अलावा एआईसीएफ के पूर्व कोषाध्यक्ष नरेश, एक अन्य पूर्व सचिव डॉ. भारद्वाज और पूर्व अंतरिम सचिव वर्मा को भी यही नोटिस दिया गया था।

हालांकि कारण बताओ नोटिस के जवाब में चौहान ने इस बात से साफ इनकार किया है कि उनके कार्यकाल के दौरान एआईसीएफ के संचालन से संबंधित कोई भी दस्तावेज गायब है। वर्मा ने भी इसी तरह का खंडन जारी किया है।

चौहान ने एआईसीएफ सचिव देव पटेल के खिलाफ आचरण समिति के समक्ष औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है जिसमें उन पर ‘महासंघ के स्थापित नियमों की अवहेलना’ करने का आरोप लगाया गया है।

चौहान से जब इस ताजा घटनाक्रम के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि उनके खिलाफ किस तरह की कार्रवाई पर विचार किया जा रहा है।

उन्होंने पीटीआई से कहा, ‘‘आचरण समिति ने यह नहीं बताया है कि वे मेरे खिलाफ क्या कार्रवाई करने जा रहे हैं।’’

चौहान ने कहा, ‘‘मैं आचरण समिति के सक्षम इसलिए गया क्योंकि मैं बीमार और बिस्तर पर हूं और वे मुझे हटाने की जल्बाजी में हैं। मैं हिलने-डुलने की स्थिति में नहीं हूं लेकिन मैं अन्य सदस्यों के साथ कानूनी तौर पर इस मामले से निपटूंगा।’’

चौहान ने कहा कि एआईसीएफ ने मामले से निपटने में दोहरा मापदंड दिखाया है क्योंकि उसने उन्हें निशाना बनाया है जबकि कारण बताओ नोटिस पाने वाले एक अन्य अधिकारी वर्मा को अपना परिचालन प्रमुख नियुक्त किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘दिलचस्प बात यह है कि पांच अगस्त को वर्मा को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था लेकिन इसके ठीक चार दिन बाद (नौ अगस्त को) उन्हें एआईसीएफ का परिचालन प्रमुख नियुक्त कर दिया गया।’’

भाषा सुधीर नमिता

नमिता