विश्व कप 2023 के लिये सरकार से कर छूट नहीं मिलने पर बीसीसीआई को 955 करोड़ का नुकसान

विश्व कप 2023 के लिये सरकार से कर छूट नहीं मिलने पर बीसीसीआई को 955 करोड़ का नुकसान

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  • Publish Date - October 14, 2022 / 02:56 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:56 PM IST

नयी दिल्ली, 14 अक्टूबर ( भाषा ) अगले साल होने वाले वनडे विश्व कप के लिये अगर आईसीसी के प्रसारण राजस्व पर 21 . 84 प्रतिशत कर अधिभार लगाने के अपने फैसले पर केंद्र सरकार अडिग रहती है तो बीसीसीआई को करीब 955 करोड़ रूपये का नुकसान हो सकता है ।

भारत में अगले साल अक्टूबर नवंबर में 50 ओवरों का विश्व कप होना है ।

कर अधिभार के मायने हैं कि शुरूआती कीमत से इतर किसी वस्तु या सेवा पर अतिरिक्त फीस या कर लगाना । यह आम तौर पर मौजूदा कर में जोड़ा जाता है और किसी वस्तु या सेवा की दर्शाई गई कीमत में शामिल नहीं होता ।

आईसीसी के चलन के अनुसार मेजबान देश को सरकार से वैश्विक टूर्नामेंटों के आयोजन के लिये कर में रियायत लेनी होती है ।

भारत के कर नियमों में इस तरह की छूट का प्रावधान नहीं है । 2016 में टी20 विश्व कप की मेजबानी में भी बीसीसीआई को ऐसी छूटनहीं मिली थी और उसे 193 करोड़ रूपये का नुकसान हुआ था । यह मामला अभी आईसीसी ट्रिब्यूनल में लंबित है ।

बोर्ड की 18 अक्टूबर को होने वाली एजीएम से पहले प्रदेश ईकाइयों को भेजी गई रिपोर्ट मं कहा गया ,‘‘ आईसीसी का अगला बड़ा टूर्नामेंट आईसीसी विश्व कप 2023 में अक्टूबर नवंबर में भारत में होना है । बीसीसीआई को अप्रैल 2022 तक आईसीसी को कर छूट के बारे में बताना था ।’’

इसमें कहा गया ,‘‘ आईसीसी ने समय सीमा बढाकर 31 मई कर दी थी । बीसीसीआई ने इस वित्तीय वर्ष की शुरूआत में आईसीसी को बताया था कि 10 प्रतिशत कर ( अधिभार के अलावा ) देना पड़ सकता है ।’’

रिपोर्ट में कहा गया कि अगर 21 . 84 प्रतिशत कर चुकाना पड़ा तो आईसीसी से बोर्ड के राजस्व पर इसका विपरीत असर पड़ेगा ।

समझा जाता है कि बीसीसीआई कर अधिभार मौजूदा 21 . 84 प्रतिशत से घटाकर 10 . 92 प्रतिशत लाने के लिये बातचीत कर रहा है । अगर ऐसा हो पाता है तो उसे राजस्व में 430 करोड़ रूपये नुकसान होगा ।

आईसीसी के 2016 से 2023 के बीच के राजस्व पूल में बीसीसीआई का हिस्सा करीब 3336 करोड़ रूपये है । आईसीसी को भारत में 2023 में होने वाले इस टूर्नामेंट के प्रसारण से 4400 करोड़ रूपये राजस्व मिलने की उम्मीद है ।

भाषा

मोना पंत

पंत