रायपुरः Vishnu Ka Sushasan छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अगुवाई वाली सरकार के दो वर्ष पूरे होना राज्य के राजनीतिक और प्रशासनिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। इन दो वर्षों में सरकार ने स्थिरता, पारदर्शिता और जनहित को केंद्र में रखकर काम करने का प्रयास किया है। सत्ता संभालते ही साय सरकार ने यह स्पष्ट किया कि उसकी प्राथमिकता गरीब, किसान, युवा और आदिवासी समुदायों का समग्र विकास होगी। इन दो वर्षों में बुनियादी ढांचे के विकास पर विशेष ध्यान दिया गया। ड़कों, पुलों, बिजली और पेयजल योजनाओं को गति मिली, जिससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच की दूरी कम हुई। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से कई विशेष पहल किए गए। इसका सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिला। छत्तीसगढ़ के उत्तरी छोर में स्थित जशपुर अब एक नए पर्यटन हब के रूप में विकसित हो रहा है।
Vishnu Ka Sushasan छत्तीसगढ़ का जशपुर जिला प्राकृतिक सौंदर्य, आदिवासी संस्कृति और धार्मिक आस्था का अनूठा संगम है। घने जंगलों, ऊँचे-नीचे पहाड़ों, झरनों और शांत वातावरण से घिरा यह जिला पर्यटन की दृष्टि से अत्यंत संभावनाशील है। अभी भी यह क्षेत्र अपेक्षाकृत कम प्रचारित है, लेकिन इसकी विशेषताएँ इसे एक आदर्श पर्यटन स्थल बना सकती हैं। मयाली, रानीदाह, दनगरी और कोतबा जैसे क्षेत्रों में स्थित जलप्रपात पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। यहीं वजह है कि साय सरकार ने इस क्षेत्र में कई पहलें शुरू की हैं। सबसे पहले, सरकार ने जिले के प्रमुख प्राकृतिक और सांस्कृतिक स्थलों तक पहुंच को बेहतर बनाने पर जोर दिया है। मयाली, रानीदाह और दनगरी जैसे जलप्रपातों तक सड़क और यातायात सुविधाओं का विकास किया गया है। इससे पर्यटकों को इन स्थलों तक आसानी से पहुँचने में मदद मिली है।
सरकार ने पर्यटकों के लिए गेस्ट हाउस, सूचना केंद्र और आरामदायक विश्राम स्थलों की व्यवस्था की है। स्थानीय संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य को आकर्षक तरीके से प्रस्तुत करने के लिए मार्गदर्शक संकेत, हेल्प डेस्क और दर्शनीय स्थल विवरण जैसे सुविधाओं का निर्माण किया जा रहा है। इससे पर्यटकों का अनुभव और भी यादगार बन रहा है। जशपुर जिले में आदिवासी संस्कृति और लोक कला की बहुत बड़ी भूमिका है। साय सरकार ने आदिवासी नृत्य, संगीत और हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के लिए मेलों, प्रदर्शनों और सांस्कृतिक उत्सवों का आयोजन किया है। इससे न केवल पर्यटन आकर्षक बनता है, बल्कि स्थानीय कला और संस्कृति को भी संरक्षण मिलता है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में सरकार ने पर्यटन को प्रोत्साहित करने और स्थानीय लोगों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए पिछले वर्ष से व्यापक प्रयास शुरू किए गए हैं। मुख्यमंत्री साय ने जशपुर की प्राकृतिक संपदा और रोमांचक गतिविधियों की संभावनाओं को देखते हुए इसे साहसिक खेलों के एक नए केंद्र के रूप में विकसित करने का लक्ष्य रखा है। उनके कुशल नेतृत्व और दूरदर्शी नीतियों के कारण, यह क्षेत्र अब न केवल राज्य में बल्कि पूरे देश में एक प्रमुख साहसिक पर्यटन स्थल के रूप में प्रसिद्ध हो रहा है। जशप्योर और पहाड़ी बकरा एडवेंचर द्वारा हाल ही में आयोजित एक बाइक ट्रिप ने पूरे देश भर के राइडर्स को आकर्षित किया। देशभर से आए इन साहसी बाइकर्स ने जशपुर की घुमावदार सड़कों, कठिन ट्रेल्स, और हरे-भरे जंगलों का रोमांचक अनुभव लिया। इन राइडर्स को हिमालय राज्य जैसे लद्दाख और हिमाचल प्रदेश के कठिन रास्तो पर बाइकिंग अनुभव प्राप्त है और उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य की अनछुई प्राकृतिक सुंदरता को एक नए नजरिये से देखा। जशपुर का अनोखा प्राकृतिक आकर्षण जैसे रानी दह जलप्रपात, सारुडीह चाय बागान, किनकेल पाठ, चुरी और मक्करभज्जा जलप्रपात एवं यहाँ के जनजातीय संस्कृति एवं खाद्य उत्पाद उनके लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बने। इसके अलावा, देशदेखा क्लाइंबिंग सेक्टर में रॉक क्लाइम्बिंग एवं कैंपिंग तथा पंड्रापाठ में स्टार गेजिंग का रोमांचक अनुभव भी उनके लिए खास था
छत्तीसगढ़ में पर्यटन परिदृश्य धीरे-धीरे बदल रहा है और इसका श्रेय मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को जाता है। जशपुर जिले के मयाली गांव से 35 किमी दूर स्थित मधेश्वर पहाड़ को ‘गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में विश्व के सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग के रूप में दर्ज किया गया है, जिससे छत्तीसगढ़ पर्यटन को नई पहचान मिली है। मधेश्वर पहाड़ न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पर्वतारोहण और एडवेंचर स्पोर्टस के लिए भी लोकप्रिय होता जा रहा है। हर साल यहां बड़ी संख्या में पर्यटक आते है, प्रकृति के साथ जुड़ने का अनुभव करते हैं। केंद्र सरकार से 10 करोड़ रूपए की राशि प्राप्त हुई है, जो विशेष रूप से मधेश्वर महादेव धाम और पहाड़ के धार्मिक एवं पर्यटन क्षेत्र के विकास में खर्च की जा रही है।
साय सरकार द्वारा किए गए योजनाबद्ध निवेश और विकास कार्यों ने जशपुर को पर्यटन, खेल, संस्कृति और अवसंरचना के क्षेत्र में एक नए युग में प्रवेश कराया है। जशपुर अब केवल प्राकृतिक सुंदरता का केंद्र नहीं, बल्कि अवसरों, रोमांच और सांस्कृतिक गौरव से भरा एक आधुनिक पर्यटन गंतव्य बनकर उभर रहा है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जशपुर जिले को एक नई पहचान देने वाली ऐतिहासिक पहल की। उन्होंने बीतें दिनों कुनकुरी स्थित मयाली नेचर कैम्प में एडवेंचर जोन का शुभारंभ किया। साथ ही जिले के लिए तीन प्रमुख पर्यटन सर्किटों—आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक (स्पिरिचुअल एंड हेरिटेज), प्राकृतिक एवं वन्य जीव (नेचर एंड वाइल्ड लाइफ) और साहसिक पर्यटन (एडवेंचर) सर्किट—का लोकार्पण किया। यह कदम न केवल जशपुर को छत्तीसगढ़ के भीतर एक प्रमुख पर्यटन गंतव्य बनाएगा, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए भी नए अवसरों के द्वार खोलेगा। सीएम साय की पहल पर अब जशपुर के जनजातीय युवाओं को हिमाचल प्रदेश के मियाड़ घाटी में पर्वतारोहण, रोप क्लाइम्बिंग आदि का प्रशिक्षण मिलेगा।
यहां के ट्रिप्पी हिल्स ने जशपुर की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को प्रस्तुत करने के लिए अनुभवात्मक पर्यटन का प्रारूप तैयार किया है। पर्यटक यहां स्थानीय व्यंजनों का स्वाद, आदिवासी कला और शिल्प वर्कशॉप्स और पारंपरिक नृत्य-संगीत का आनंद ले सकते हैं। ट्रिप्पी हिल्स का उद्देश्य पर्यटकों को जशपुर की जैव विविधता और प्राकृतिक सौंदर्य के करीब लाना है। इसके तहत पर्यावरण के अनुकूल गतिविधियां जैसे, बर्ड वॉचिंग और प्राकृतिक स्थल भ्रमण आयोजित किए जाते हैं। इन गतिविधियों से पर्यटकों को पर्यावरणीय स्थिरता का भी ज्ञान मिलता है। रॉक क्लाइम्बिंग, ट्रेकिंग और नदी के किनारे कैंपिंग जैसी गतिविधियां पर्यटकों के लिए रोमांचक अनुभव साबित होती हैं। जशपुर के प्राकृतिक परिदृश्य में आयोजित इन गतिविधियों के जरिए पर्यटक न केवल जशपुर की प्राकृतिक सुंदरता को देख सकते हैं, बल्कि साहसिक खेलों का आनंद भी ले सकते हैं।