डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बने बृजभूषण के विश्वासपात्र संजय सिंह

डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बने बृजभूषण के विश्वासपात्र संजय सिंह

  •  
  • Publish Date - December 21, 2023 / 03:43 PM IST,
    Updated On - December 21, 2023 / 03:43 PM IST

नयी दिल्ली, 21 दिसंबर (भाषा) संजय सिंह गुरुवार को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के नए अध्यक्ष बने जब कई बार लंबित हुए चुनावों में उनके पैनल ने अधिकांश पद पर आसान जीत दर्ज की जिससे निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के हाथों में अप्रत्यक्ष रूप से महासंघ का नियंत्रण आ गया।

उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ के उपाध्यक्ष संजय को 40 जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी अनिता श्योराण को सात मत मिले।

राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता अनिता का पैनल हालांकि महासचिव पद अपने नाम करने में सफल रहा जब प्रेम चंद लोचब ने दर्शन लाल को हराया।

चुनावों के नतीजों से शीर्ष पहलवान बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक को यह अहसास होगा कि बृजभूषण के खिलाफ उनका विरोध-प्रदर्शन व्यर्थ हो गया है क्योंकि बदलाव के लिए आक्रामक होकर अभियान चलाने के बावजूद उन्हें कुश्ती जगत का समर्थन नहीं मिला। भारतीय जनता पार्टी के सांसद बृजभूषण का एक करीबी अब अध्यक्ष है।

इन शीर्ष पहलवानों ने बृजभूषण पर कथित रूप से जूनियर पहलवानों सहित महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था और समाज के विभिन्न वर्गों से भारी समर्थन जुटाने में कामयाब रहे। इनका विरोध हालांकि उस दिन विफल हो गया जब उन्होंने 28 मई को नए संसद भवन की ओर मार्च करने की योजना बनाई और दिल्ली पुलिस ने दंगा करने के लिए सभी प्रदर्शनकारियों को जंतर-मंतर से हटा दिया।

पहलवानों ने आधिकारिक तौर पर सात जून को अपना विरोध बंद कर दिया था जब खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने उन्हें आश्वासन दिया था कि बृजभूषण के परिवार के किसी भी सदस्य या करीबी सहयोगी को डब्ल्यूएफआई चुनाव में उतरने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

आरएसएस से जुड़े संजय वाराणसी के रहने वाले हैं और बृजभूषण के बहुत करीबी सहयोगी हैं। निवर्तमान प्रमुख की खेल में जबरदस्त रुचि को देखते हुए यह उम्मीद है कि संजय नीतिगत निर्णयों में उनसे सलाह लेंगे।

नई कार्यकारी परिषद के चुनाव से डब्ल्यूएफआई पर लगे वैश्विक संचालन संस्था यूनाईटेड वर्ल्ड रेस्लिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) के प्रतिबंध को हटाने का भी रास्ता साफ हो जाएगा। यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने समय पर चुनाव नहीं कराने के लिए डब्ल्यूएफआई पर प्रतिबंध लगा दिया था जिससे भारतीय पहलवानों को 2023 विश्व चैंपियनशिप में तटस्थ खिलाड़ियों के रूप में प्रतिस्पर्धा करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

चुनाव प्रक्रिया जुलाई में शुरू हो गई थी लेकिन अदालत में विभिन्न मामलों के कारण इसमें देरी हुई। उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा लगाई गई रोक को रद्द कर दिया जिससे डब्ल्यूएफआई की नई संचालन संस्था के चुनाव की प्रक्रिया का मार्ग प्रशस्त हो गया।

भाषा सुधीर पंत

पंत