मैच के दौरान खिलाड़ियों को बाहर से निर्देश नहीं देता : हॉकी कोच फुल्टन

मैच के दौरान खिलाड़ियों को बाहर से निर्देश नहीं देता : हॉकी कोच फुल्टन

मैच के दौरान खिलाड़ियों को बाहर से निर्देश नहीं देता : हॉकी कोच फुल्टन
Modified Date: August 12, 2023 / 02:06 pm IST
Published Date: August 12, 2023 2:06 pm IST

चेन्नई, 12 अगस्त (भाषा) भारतीय हॉकी टीम के मुख्य कोच क्रेग फुल्टन ने कहा कि वह मैच के दौरान बाहर से खिलाड़ियों को निर्देश देना पसंद नहीं करते और ट्रेनिंग के दौरान ही खिलाड़ियों ही जानकारी देने को तरजीह देते हैं।

भारत ने शुक्रवार को यहां एशियाई चैम्पिंयस ट्राफी (एसीटी) के सेमीफाइनल में जापान को 5-0 से रौंद दिया और उसका सामना यहां खिताबी भिड़ंत के लिए मलेशिया से होगा।

जापान के खिलाफ बड़ी जीत के बाद फुल्टन ने कहा, ‘‘मैं मैच के दौरान बाहर से ज्यादा कोचिंग नहीं देता लेकिन ट्रेनिंग के दौरान काफी कोचिंग देता हूं। क्योंकि ट्रेनिंग के दौरान ही सिखाया जाता है। हो सकता है कि मैच के दौरान कुछ चीजें बदलनी हों लेकिन इस पर फैसला करना सीनियर खिलाड़ियों का ही काम है। ’’

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भारतीय कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने भी टीम में फुल्टन द्वारा लाये गये बदलावों की प्रशंसा की। उन्होंने शुक्रवार को मैच के बाद कहा, ‘‘प्रत्येक कोच की मानसिकता अलग होती है। हमारे पहले के कोच काफी अच्छे रहे। यहां तक कि वह (फुल्टन) भी काफी अच्छे हैं। प्रत्येक कोच टीम की बेहतरी के बारे में सोचता है। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘वह अच्छा काम कर रहे हैं। हमने अपनी टीम में काफी सरंचनात्मक बदलाव किये हैं और इतने कम समय में ये बदलाव लाना हमारे लिए काफी सकारात्मक चीज है। इसका पूरा श्रेय उन्हें जाता है। ’’

हरमनप्रीत ने साथ ही कहा कि फाइनल में सफलता के लिए रक्षात्मक पंक्ति का मजबूत रहना और मौकों को गोल में बदलना अहम होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘फाइनल में पहुंचना बड़ी उपलब्धि है जो लीग मैचों की तुलना में पूरी तरह अलग होगा। हमारा प्रदर्शन अच्छा था और हम अपनी योजना के अनुसार खेले थे। हमने रणनीति के अनुसार मौके भी बनाये थे। ’’

भारत के अनुभवी गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने जापान के खिलाफ अपना 300वां अंतरराष्ट्रीय मैच खेला। उन्होंने कहा कि कभी कभार उन्हें मैदान पर अपने खिलाड़ियों का मार्गदर्शन करना पड़ता है और उन्हें निर्देश देना पड़ता है क्योंकि वह प्रतिद्वंद्वी टीम के खिलाड़ियों को अच्छी तरह देख पाते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मेरा हमेशा ही मानना है कि गोलकीपर कोच की तरह ही होता है क्योंकि मैं ही पूरे मैच को पीछे से देखता रहता हूं। ’’

श्रीजेश ने कहा, ‘‘जब हम टीम की बैठक में बैठते हैं तो निर्देश आते हैं और रणनीति बनती हैं। लेकिन कभी कभार खिलाड़ियों को इन योजनाओं को कार्यान्वित करने के लिए काफी मुश्किल होती है। इसलिये उनका मार्गदर्शन करना मेरी जिम्मेदारी होती है। ’’

मैच से पहले हॉकी इंडिया ने श्रीजेश को सम्मानित किया और उन्होंने अंतरराष्ट्रीय हॉकी में 300 मैच की उपलब्धि हासिल करने में मदद करने के लिए टीम को श्रेय दिया।

श्रीजेश ने कहा कि भारतीय गोलकीपिंग विभाग सही हाथों में है और अच्छे गोलकीपर आ रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अच्छे गोलकीपर आ रहे हैं। (कृष्ण) पाठक काफी अच्छा कर रहा है। पवन (मलिक) हमारे साथ है। सूरज (करकेरा) भी है। हमारे पास जूनियर स्तर पर गोलकीपरों का अच्छा पूल है। ’’

भाषा नमिता

नमिता


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