पेरिस, 16 जून (एपी) ओलंपिक के दौरान अधिकांश खेलों में प्रतिस्पर्धा की सतह नहीं बदलती लेकिन टेनिस ऐसा खेल है जिसकी सतह टूर्नामेंट के साथ बदल सकती है।
पेरिस खेलों के दौरान 30 से भी अधिक वर्षों के बाद ओलंपिक की टेनिस स्पर्धा लाल बजरी (क्ले कोर्ट) पर होगी। टेनिस मुकाबले उसी रोलां गैरो पर होंगे जिसने जून की शुरुआत में फ्रेंच ओपन की मेजबानी की थी।
खिलाड़ियों ने फ्रेंच ओपन के बाद जुलाई की शुरुआत में होने वाले विंबलडन के लिए खुद को घास के कोर्ट के अनुकूल ढाला और अब एक बार फिर उन्हें बेहद कम समय में क्ले कोर्ट से सामंजस्य बैठाना होगा।
विंबलडन खत्म होने के दो हफ्ते बाद 27 जुलाई से रोलां गैरो ओलंपिक की टेनिस स्पर्धा की मेजबानी करेगा और कुछ खिलाड़ियों के लिए यह अधिक चिंता की बात है।
शीर्ष 10 में शामिल अमेरिका की जेसिका पेगुला ने कहा, ‘‘यह निश्चित तौर पर रोमांचक होगा लेकिन सभी को ऐसा करना पड़ेगा। हम सभी एक ही नाव में सवार हैं।’’
पेगुला को महिला एकल के अलावा अमेरिकी ओपन चैंपियन कोको गॉफ के साथ महिला युगल में भी हिस्सा लेना है। इसके अलावा वह मिश्रित युगल में भी उतर सकती हैं।
पेगुला ने कहा, ‘‘मुझे आम तौर पर कोर्ट बदलने के साथ खेल बदलने में परेशानी नहीं होती। मुझे यहां के कोर्ट पसंद हैं। पेरिस में जब मौसम गर्म होता है तो कोर्ट से गेंद काफी अच्छी तरह आती है। गति भी अच्छी होती है। इसका आदी होने में काफी समस्या नहीं होती।’’
विंबलडन 2022 चैंपियन और इस साल सेमीफाइनल में पहुंचने वाली कजाखस्तान की एलेना रिबाकिना ने कहा, ‘‘मैं पहली बार घास के कोर्ट पर खेलने के बाद क्ले कोर्ट पर खेलूंगी। यह आसान नहीं होता। शारीरिक तौर पर यह आसान नहीं होता, मानसिक तौर पर भी।’’
खिलाड़ियों की मुश्किल यहीं खत्म नहीं होती। उन्हें ओलंपिक के बाद अगस्त के अंत में होने वाले अमेरिकी ओपन की तैयारी करनी होगी जो हार्ड कोर्ट पर खेला जाता है।
अमेरिका की टीम में पेगुला के साथी टेलर फ्रिट्ज ने कहा, ‘‘यह कार्यक्रम के लिहाज से बहुत ही खराब है। इसका कोई मतलब नहीं बनता। यह निश्चित रूप से सब कुछ खराब कर देगा।’’
एपी सुधीर मोना
मोना