खुद को बाहरी दुनिया से अलग करने के बाद भी हर दिन दबाव महसूस कर रहा था: पंत

खुद को बाहरी दुनिया से अलग करने के बाद भी हर दिन दबाव महसूस कर रहा था: पंत

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  • Publish Date - January 25, 2021 / 12:03 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:10 PM IST

नयी दिल्ली, 25 जनवरी (भाषा) ऑस्ट्रेलिया में शानदार बल्लेबाजी कर आलोचकों का मुंह बंद करने वाले भारतीय विकेटकीपर ऋषभ पंत ने इस दौरे से पहले खुद को बाहरी दुनिया से अलग कर लिया था लेकिन वह ‘ हर दिन दबाव महसूस कर रहे थे’।

क्रिकेट की दुनिया की सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी इकाई में से एक के खिलाफ पंत ने सिडनी और ब्रिसबेन टेस्ट में शानदार बल्लेबाजी कर भारत को चार मैचों की श्रृंखला को 2-1 से जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। सिडनी में चौथी पारी में उनके 97 रन के दम पर भारत टेस्ट ड्रा करने में सफल रहा जबकि चौथे टेस्ट के आखिरी दिन उन्होंने नाबाद 89 रन की पारी खेल भारत को जीत दिलाई।

इससे पहले भी उनसे भारतीय क्रिकेट को काफी अपेक्षाएं थी लेकिन वह उसे पूरा करने में नाकाम रहे थे।

पंत ने ‘इंडिया टुडे’ से कहा, ‘‘ मैं हर दिन दबाव महसूस कर रहा था, यह मेरे खेल का हिस्सा है। एक व्यक्ति के तौर पर आपको खुद पर भरोसा होना चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ अगर आप आगे बढ़ रहे हैं तो इसका मतलब यह है कि आप सुधार कर रहे हैं। इस मुश्किल समय में मैंने यही सीखा है। अपने खेल पर इतना ध्यान केंद्रित करें कि आपको कुछ और नजर न आए। सोशल मीडिया की वजह से कई बार ऐसा करना मुश्किल होता है लेकिन मैंने खुद को इससे अलग कर लिया है।’’

इस 23 साल के विकेटकीपर बल्लेबाज ने कहा, ‘‘ जब आप अच्छा कर रहे हैं तो लोग अच्छा लिखेंगे लेकिन जब ऐसा नहीं होगा तब वे आपकी आलोचना करेंगे। यह आजकल के क्रिकेटर के जीवन का एक हिस्सा है। ऐसे में अगर आप आलोचना को नजरअंदाज कर अपने क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित करते हैं तो मुझे लगता है कि यह बेहतर है।’’

ब्रिसबेन में जब भारतीय टीम चौथी पारी में रिकार्ड 328 रन के लक्ष्य का पीछा कर रही थी तब पंत ने धैर्य और आक्रामण के सही मिश्रण के साथ बल्लेबाजी करते हुए भारत को जीत दिलाई। वह इस श्रृंखला के तीसरे सर्वोच्च स्कोरर (तीन टेस्ट में 274 रन) रहे।

उन्होंने कहा ब्रिसबेन में ड्रा उनके लिए कोई विकल्प नहीं था।

पंत ने कहा, ‘‘ हमारी मानसिकता हमेशा सामान्य क्रिकेट खेलने की थी, यहां तक ​​कि टीम प्रबंधन ने भी पहली पारी में इस बारे में बात की थी। हम रन बनाना चाहते थे, कमजोर गेंदों का फायदा उठाना चाहते थे और वहां क्रीज पर खड़े रह कर जो संभव हो वह करना चाहते थे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘टीम प्रबंधन की योजना जीतने की थी। मैं भी जीतने की सोच के साथ खेल रहा था। मैं हर मैच जीतना चाहता हूं, मेरे लिए ड्रा हमेशा दूसरा विकल्प होगा।’’

पंत ने कहा कि उन्हें इंग्लैंड में 2019 विश्व कप में उम्मीदों पर खरा नहीं उतरने की निराशा है।

उन्होंने कहा, ‘‘ उतार और चढ़ाव खेल का हिस्सा है, विश्व कप मेरे लिए बड़ा मौका था क्योंकि यह चार साल में एक बार आता है। मैं लगभग 30 रन तक पहुंच कर आउट हो जाता था। मैं काफी निराश था क्योंकि यह मेरे लिए काफी बड़ा मौका था। इससे मेरा करियर प्रभावित हुआ और मैंने खेल पर ध्यान देना शुरु किया क्योंकि जिंदगी में सुधार का मौका हमेशा रहता है।’’

भाषा आनन्द नमिता

नमिता