डोपिंग के खिलाफ जंग : एथलीट पासपोर्ट प्रबंधन इकाई बनाने वाला भारत दुनिया का 17वां देश बना

डोपिंग के खिलाफ जंग : एथलीट पासपोर्ट प्रबंधन इकाई बनाने वाला भारत दुनिया का 17वां देश बना

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  • Publish Date - April 17, 2025 / 06:10 PM IST,
    Updated On - April 17, 2025 / 06:10 PM IST

नयी दिल्ली, 17 अप्रैल (भाषा ) खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने गुरुवार को यहां राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला (एनडीटीएल) में एथलीट पासपोर्ट प्रबंधन इकाई (एपीएमयू) का उद्घाटन किया और अब भारत दुनिया का 17वां देश बन गया जिसके पास एथलीटों के खून और स्टेरॉयड प्रोफाइल को समय-समय पर ट्रैक करने के लिए एक समर्पित प्रणाली है।

एपीएमयू एथलीटों के जैविक पासपोर्ट की निगरानी और प्रबंधन के लिए जिम्मेदार एक विशेष निकाय के रूप में काम करेगा।

जैविक पासपोर्ट डोपिंग का पता लगाने के लिए एथलीट के रक्त मापदंडों, हार्मोनल स्तर और अन्य शारीरिक मार्कर्स पर डेटा संकलित करता है।

एपीएमयू प्रतिबंधित पदार्थों की सीधे पहचान किए बिना डोपिंग के संकेत देने वाली विसंगतियों या प्रवृत्तियों पर नज़र रखता है।

उद्घाटन के अवसर पर मांडविया ने कहा, ‘‘एपीएमयू डोपिंग के खिलाफ भारत की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो एथलीट जैविक पासपोर्ट (एबीपी) प्रणाली के माध्यम से एथलीटों के जैविक प्रोफाइल की ट्रैकिंग को सक्षम बनाता है। यह अनूठी प्रणाली डोपिंग पैटर्न का पता लगाने और अनैतिक चलन की पहचान करके खेलों की निष्पक्षता की रक्षा करने में मदद करेगा।’’

मांडविया ने कहा कि भारत का एपीएमयू उन पड़ोसी देशों की भी मदद करेगा जिनके पास इस तरह की व्यवस्था स्थापित करने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं।

एनडीटीएल का एपीएमयू विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) के दिशा-निर्देशों के अनुरूप है, जो वैश्विक स्तर पर डोपिंग रोधी कार्यक्रम को मजबूत करता है। भारत अब चीन, अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया और जापान जैसे देशों के साथ जुड़ गया है, जिन्होंने अपने वाडा-मान्यता प्राप्त डोप परीक्षण सुविधा में एपीएमयू स्थापित किया है।

उद्घाटन समारोह में खेल सचिव सुजाता चतुर्वेदी, संयुक्त सचिव (खेल) कुणाल और युवा मामले और खेल मंत्रालय के अन्य अधिकारी भी शामिल हुए, जिनमें एनडीटीएल के निदेशक और सीईओ डॉ. पी एल साहू भी शामिल थे।

भाषा मोना नमिता

नमिता