आईओए ने बीएफआई चुनावों में देरी का पता लगाने के लिए समिति गठित की

आईओए ने बीएफआई चुनावों में देरी का पता लगाने के लिए समिति गठित की

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  • Publish Date - July 13, 2025 / 06:16 PM IST,
    Updated On - July 13, 2025 / 06:16 PM IST

नयी दिल्ली, 13 जुलाई (भाषा) भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष पीटी उषा ने भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) के चुनावों में हो रही देरी के कारणों का पता लगाने तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है जबकि बीएफआई के अंतरिम पैनल ने रविवार को आश्वासन दिया कि चुनाव 31 अगस्त की समय-सीमा तक हो जाएंगे।

शुक्रवार को गठित ‘फेक्ट फाइंडिंग’ समिति ‘निष्पक्ष और समय पर’ चुनाव सुनिश्चित करने के लिए एक खाके की भी सिफारिश करेगी।

इस समिति की अध्यक्षता आईओए के कोषाध्यक्ष सहदेव यादव करेंगे जबकि आईओए कार्यकारी परिषद के सदस्य भूपेंद्र सिंह बाजवा और अधिवक्ता पायल काकरा इसके सदस्य हैं।

आईओए के 11 जुलाई के कार्यालय आदेश में उषा ने कहा, ‘‘बीएफआई की वर्तमान कार्यकारी समिति का कार्यकाल दो फरवरी को समाप्त हो गया था और तब से नए चुनाव नहीं हुए हैं।’’

आदेश में कहा गया कि यह समिति ‘बीएफआई की वर्तमान कानूनी और प्रशासनिक स्थिति की जांच करेगी और भारत में मुक्केबाजी के संचालन और कामकाज पर देरी के प्रभावों का आकलन करेगी।’

यह समिति ‘विश्व मुक्केबाजी के साथ बातचीत सहित आवश्यक कार्रवाई की सिफारिश करेगी और निष्पक्ष एवं समय पर चुनाव कराने के लिए एक स्पष्ट खाका सुझाएगी।’

समिति को एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है जिससे कि ‘विश्व मुक्केबाजी के समक्ष तथ्यात्मक स्थिति प्रस्तुत की जा सके।’

इस समिति का गठन खेल मंत्रालय द्वारा पांच जुलाई को लिखे गए एक पत्र के बाद हुआ है जिसमें उषा से अनुरोध किया गया था कि ‘विश्व मुक्केबाजी के साथ परामर्श करके एक उपयुक्त व्यवस्था तैयार करें ताकि राष्ट्रीय खेल संहिता 2011 और बीएफआई के उपनियमों के अनुसार जल्द से जल्द चुनाव सुनिश्चित किए जा सकें।’

उषा ने पिछले महीने लुसाने में विश्व मुक्केबाजी के अध्यक्ष बोरिस वान डेर वोर्स्ट से भी मुलाकात की थी।

बीएफआई के पूर्व पदाधिकारियों का कार्यकाल दो फरवरी को समाप्त हो गया था। चुनाव शुरू में 28 मार्च के लिए निर्धारित थे लेकिन कई अपीलों और जवाबी अपीलों सहित कानूनी विवादों के कारण यह प्रक्रिया तब से स्थगित है।

प्रशासनिक निरंतरता सुनिश्चित करने और घरेलू तथा अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की निगरानी के लिए विश्व मुक्केबाजी ने सात अप्रैल को अजय सिंह की अध्यक्षता में 90 दिनों के कार्यकाल के साथ छह सदस्यीय अंतरिम समिति का गठन किया।

पिछले हफ्ते विश्व मुक्केबाजी ने समिति का कार्यकाल बढ़ा दिया और पैनल से 31 अगस्त तक चुनाव प्रक्रिया पूरी करने का आग्रह किया।

दिलचस्प बात यह है कि उषा ने समिति की घोषणा तो कर दी है लेकिन उन्होंने अभी तक बीएफआई अंतरिम समिति के अंतिम सदस्य का नामांकन नहीं किया है।

बीएफआई के कार्यकारी निदेशक और अंतरिम समिति के सदस्य अरुण मलिक ने रविवार को बयान में कहा कि समिति ‘निर्धारित समय-सीमा के भीतर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। साथ ही यह भी सुनिश्चित करना जरूरी है कि राष्ट्रीय महासंघ की स्वायत्तता वैश्विक संचालन संस्था द्वारा निर्धारित ढांचे के अनुसार हो।’

मलिक ने कहा, ‘‘हालांकि हम आईओए द्वारा तीन सदस्यीय फेक्ट फाइंडिंग समिति के गठन के पीछे की मंशा का सम्मान करते हैं लेकिन चल रही प्रक्रिया पहले से ही पारदर्शी और जवाबदेह है। सभी प्रमुख कार्य बिंदुओं और घटनाक्रमों की औपचारिक रूप से आईओए और मंत्रालय दोनों को सूचना दे दी गई है जिससे पूरी तरह से संस्थागत स्पष्टता सुनिश्चित हो गई है।’’

चुनावों से पहले बीएफआई आंतरिक कलह और गुटबाजी से जूझ रहा है। निर्वाचन अधिकारी और दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश आरके गौबा ने भी अपने खिलाफ बदनामी अभियान चलाने का आरोप लगाते हुए पद से इस्तीफा दे दिया था।

पूर्व खेल मंत्री अनुराग ठाकुर निवर्तमान बीएफआई अध्यक्ष अजय सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।

भाषा सुधीर नमिता

नमिता