नयी दिल्ली, 15 दिसंबर (भाषा) अर्जेंटीना के महान फुटबॉल खिलाड़ी लियोनेल मेस्सी से उनके ‘जीओएटी इंडिया टूर’ के दौरान मिलना पूर्व भारतीय कप्तान सुनील छेत्री के लिए ‘एक सपना और फर्ज’ था क्योंकि चोट की वजह से वह इस कार्यक्रम में भाग लेने से लगभग वंचित हो गए थे।
हाल ही में अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल से संन्यास लेने वाले छेत्री 95 गोल के साथ इतिहास में चौथे सबसे अधिक गोल करने वाले खिलाड़ी हैं। विश्व कप जीतने वाले कप्तान की यात्रा के तीसरे चरण में छेत्री रविवार को मुंबई में मेस्सी से मिले। मेस्सी 115 गोल के साथ इस सूची में दूसरे नंबर पर हैं।
पूर्व भारतीय कप्तान ने मेस्सी को ऐसा खिलाड़ी बताया जिसकी फुटबॉल मैदान पर ‘कला’ उनके लिए तब ‘इलाज’ का काम करती है जब वह दुखी महसूस करते हैं।
छेत्री ने अपने इंस्टाग्राम पेज पर लिखा, ‘‘हमारे खेल के लिए उन्होंने जो कुछ भी किया है उसके लिए लियोनल मेस्सी को निजी तौर पर धन्यवाद देना एक सपना और फर्ज दोनों जैसा लगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे चोट लगी थी जिसकी वजह से मैं लंगड़ाकर चल रहा था और कहने की जरूरत नहीं है, जब मैं पिच के बजाय फिजियो की टेबल पर अधिक समय बिताता हूं तो मुझे यह पसंद नहीं आता।’’
छेत्री ने कहा, ‘‘मैं मुंबई जाने से लगभग चूक गया था , जब तक कि मेरे अंदर के प्रशंसक ने बगावत नहीं की और मैं चला गया। पता चला कि उस आदमी से मिलना जो मुझे बहुत खुश करता है और जिसकी कला मेरे सभी दुखों का इलाज है, वही मुझे चाहिए था।’’
मेस्सी ने छेत्री के साथ बातचीत में समय बिताया और उन्हें अपनी अर्जेंटीना टीम की जर्सी भी दी।
छेत्री ने लुइ सुआरेज और रोड्रिगो डि पॉल से मिलकर भी खुशी जाहिर की जो मेस्सी के साथ भारत आए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘रोड्रिगो डि पॉल जैसे एक और विश्व कप विजेता से मिलकर बहुत अच्छा लगा और फिर हमारी पीढ़ी के सबसे बेहतरीन नंबर नौ खिलाड़ी लुइ सुआरेज के साथ तस्वीर खिंचाने के लिए बच्चों जैसा रोमांच था।’’
भाषा सुधीर आनन्द
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