नयी दिल्ली, 30 दिसंबर (भाषा) विश्व कप विजेता भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर, बैडमिंटन दिग्गज पुलेला गोपीचंद और महान टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस सहित कई शीर्ष खिलाड़ी नौ से 12 जनवरी तक भारत मंडपम में आयोजित होने वाले विकसित भारत युवा नेतृत्व संवाद (वीबीवाईएलडी) 2026 में भाग लेंगे।
विकसित भारत युवा नेतृत्व संवाद युवा मामले और खेल मंत्रालय की एक प्रमुख पहल है, जिसका उद्देश्य भारत के युवाओं को ‘विकसित भारत की परिकल्पना को आकार देने में सार्थक भूमिका’ प्रदान करना है।
मंत्रालय के अनुसार देश और राज्य (एवं केंद्र शासित प्रदेश) स्तर पर 50 लाख से अधिक युवाओं के मूल्यांकन के बाद कुल 2,000 युवाओं को राष्ट्रीय स्तर के ‘विकसित भारत युवा नेतृत्व’ संवाद में भाग लेने के लिए चुना गया है।
स्वामी विवेकानंद की जयंती के उपलक्ष्य में 12 जनवरी को मनाए जाने वाला राष्ट्रीय युवा दिवस इस कार्यक्रम का प्रमुख आकर्षण होगा। इस दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चयनित युवा नेताओं के साथ समय व्यतीत करेंगे।
इस दौरान युवा प्रतिभागियों के एक समूह को प्रधानमंत्री के समक्ष अपने सर्वश्रेष्ठ विचार प्रस्तुत करने और ‘विकसित भारत 2047’ के अपने दृष्टिकोण पर उनका मार्गदर्शन, प्रतिक्रिया और प्रोत्साहन प्राप्त करने का अवसर भी मिलेगा। पूरे कार्यक्रम के दौरान, गायिका-सह-राजनेता मैथिली ठाकुर, निशानेबाज श्रेयसी सिंह, गोपीचंद और पेस जैसे अपने-अपने क्षेत्रों के विशेषज्ञों के साथ शासन, खेल, उद्यमिता, कृषि, सतत विकास, संस्कृति और प्रौद्योगिकी पर विचार साझा करेंगे। इससे उन्हें अपने विचारों को बेहतर और मजबूत बनाने में मदद मिलेगी।
प्रतिभागियों को उद्यमी श्रीधर वेम्बू और अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला जैसे राष्ट्रीय व्यक्तित्वों के साथ बातचीत से सीखने का अवसर भी मिलेगा।
वीबीवाईएलडी 2026 में भारत के बाहर के युवा भी शामिल होंगे, जिसमें विदेश मंत्रालय के ‘नो इंडिया प्रोग्राम (भारत को समझो)’ के तहत चयनित 80 भारतीय प्रवासी युवा भाग लेंगे।
मंत्रालय ने फिट इंडिया अभियान के तहत शिक्षण संस्थानों को अपने परिसरों को वाहन-मुक्त क्षेत्र घोषित करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। इस दौरान केवल साइकिल चलाना और पैदल चलने की ही अनुमति होगी।
यह पहल पहले ही जयपुर के सवाई माधो सिंह स्टेडियम, बिहार के राजगीर खेल परिसर और इंफोसिस परिसर में लागू की जा चुकी है।
खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा, ‘‘उम्मीद है कि कई आईआईटी परिसर जल्द ही इस मॉडल को अपनाएंगे।’’
भाषा आनन्द मोना
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