रवि दहिया को सिल्वर, विनेश को मिली करारी हार, दीपक ने भी किया निराश, देखें पूरी डिटेल

रवि दहिया को रजत, विनेश और दीपक को मिली निराशा Ravi Dahiya got silver, Vinesh got a crushing defeat, Deepak also disappointed

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  • Publish Date - August 5, 2021 / 07:00 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:50 PM IST

चीबा (जापान), पांच अगस्त । भारतीय पहलवान रवि दहिया ने टोक्यो ओलंपिक की कुश्ती प्रतियोगिता के पुरुषों के 57 किग्रा भार वर्ग में गुरुवार को यहां रजत पदक जीता लेकिन विनेश फोगाट और दीपक पूनिया का ‘पोडियम’ पर पहुंचने का सपना पूरा नहीं हो पाया। उम्मीद लगायी जा रही थी कि 23 वर्षीय दहिया देश के सबसे युवा ओलंपिक चैंपियन बनने में सफल रहेंगे लेकिन फाइनल में वह रूसी ओलंपिक समिति के मौजूदा विश्व चैंपियन जावुर युवुगेव से 4-7 से हार गये। दहिया इससे पहले युवुगेव से 2019 में विश्व चैंपियनशिप में भी नहीं जीत पाये थे। युवुगेव ने शुरुआती अंक बनाया लेकिन रवि ने जल्द ही स्कोर 2-2 कर दिया। रूसी खिलाड़ी ने फिर से बढ़त हासिल कर दी। रवि पहले पीरियड के बाद 2-4 से पीछे थे। दूसरे पीरियड में भी युवुगेव ने एक अंक बनाकर अपनी बढ़त मजबूत की। रवि दूसरे पीरियड में भी दो अंक ही जुटा सके। हरियाणा के नाहरी गांव के इस पहलान ने बुधवार को अपने शुरुआती मुकाबले में कोलंबिया के टिगरेरोस उर्बानो को 13-2 और फिर क्वार्टर फाइनल में बुल्गारिया के जियोर्जी वेलेंटिनोव वांगेलोव को 14-4 से हराया था।

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सेमीफाइनल में वह कजाखस्तान के नूरइस्लाम सनायेव के खिलाफ 2-9 से पीछे चल रहे थे लेकिन उन्होंने ‘पिन फॉल’ में जीत दर्ज करके फाइनल में प्रवेश किया था। दहिया कुश्ती में ओलंपिक रजत पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय पहलवान बन गये हैं। सुशील कुमार ने लंदन ओलंपिक 2012 में यह उपलब्धि हासिल की थी। यह भारत का कुश्ती में कुल छठा पदक है। निशानेबाज अभिनव बिंद्रा भारत की तरफ से ओलंपिक में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले एकमात्र खिलाड़ी थी। उन्होंने बीजिंग ओलंपिक 2008 में पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल में सोने का तमगा हासिल किया था। टोक्यो खेलों में भारत ने अपना दूसरा रजत पदक हासिल किया। इससे पहले भारोत्तोलक मीराबाई चानू ने महिलाओं के 49 किग्रा भार वर्ग में दूसरा स्थान हासिल किया था।

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भारत को दीपक पूनिया और विशेषकर महिला वर्ग में विनेश से काफी उम्मीदें थी लेकिन ये दोनों पदक जीतने में नाकाम रहे। पूनिया के पुरुषों के 86 किग्रा के प्ले-ऑफ में सैन मरिनो के माइलेस नज्म अमीन से हार झेलनी पड़ी। सैन मारिनो के पहलवान ने उन्हें अंतिम 10 सेकेंड में पटखनी देकर यह मुकाबला जीता। दीपक का रक्षण पूरे मुकाबले के दौरान शानदार था लेकिन सैन मरिनो के पहलवान ने मुकाबले के अंतिम क्षणों में भारतीय पहलवान का दायां पैर पकड़कर उन्हें गिराकर निर्णायक दो अंक हासिल किये। इससे पहले 22 साल का भारतीय पहलवान 2-1 से आगे चल रहा था। दीपक अच्छे ड्रा का फायदा उठाकर सेमीफाइनल तक पहुंचे लेकिन अमेरिका के डेविड मौरिस टेलर से सेमीफाइनल में हार गये थे।

पदक की प्रबल दावेदार विनेश को महिलाओं के 53 किग्रा वर्ग के क्वार्टर फाइनल में बेलारूस की वेनेसा कालादजिन्सकाया ने चित्त करके बाहर किया। विनेश के पास वेनेसा के मजबूत रक्षण का कोई जवाब नहीं था। वेनेसा ने इसके साथ ही इस साल युक्रेन में भारतीय खिलाड़ी के खिलाफ इसी तरह की शर्मनाक हार का बदला चुकता कर दिया। विनेश ने तब वेनेसा को गिराकर ‘बाय फॉल’ से जीत दर्ज की थी। बाद में वेनेसा सेमीफाइनल में चीन के क्विन्यु पांग से हार गयी जिससे विनेश का रेपेशाज के जरिये पदक हासिल करने की उम्मीदें भी समाप्त हो गयी। इस तरह से उनके ओलंपिक अभियान का निराशाजनक अंत हुआ। विनेश को रियो ओलंपिक 2016 में क्वार्टर फाइनल में हार के कारण बाहर होना पड़ा था।यूरोपीय चैंपियन वेनेसा ने अपनी रणनीति को काफी अच्छी तरह लागू किया और विनेश उनके रक्षण को भेदकर अंक जुटाने में नाकाम रही। अंक जुटाने में विफल रहने के बाद शीर्ष वरीय विनेश ने धैर्य खो दिया। यहां तक कि जब विनेश ने वेनेसा को पीछे से पकड़ा तो भी वह अच्छी स्थिति में होने के बावजूद विरोधी पहलवान को घुटनों के बल बैठाने में नाकाम रही। विनेश ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी लेकिन वेनेसा के रक्षण को नहीं तोड़ पाई। यहां तक कि विनेश विरोधियों को चित्त करने वाले अपने पसंदीदा ‘डबल लेग’ आक्रमण के साथ भी अंक नहीं जुटा पायी। विनेश ने पहले दौर में रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता और विश्व चैंपियनशिप की छह बार की पदक विजेता स्वीडन की सोफिया मेगडालेना मैटसन को 7-1 से हराया

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युवा अंशु मलिक 57 किग्रा वर्ग में रियो ओलंपिक की रजत पदक विजेता रूस की वालेरा कोबलोवा के खिलाफ रेपेशॉज मुकाबले में 1-5 की हार के साथ पदक की दौड़ से बाहर हो गई। उन्नीस साल की अंशु अपने पहले दौर में यूरोपीय चैंपियन इरिना कुराचिकिना से हार गई थी और बेलारूस की खिलाड़ी के फाइनल में जगह बनाने के बाद उन्हें रेपेशॉज में हिस्सा लेने का मौका मिला। भारत को कुश्ती में पदक दिलाने वाले पहले पहलवान खशाबा जाधव थे। उन्होंने 1952 के हेलसिंकी ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था। उसके बाद सुशील ने बीजिंग में कांस्य और लंदन में रजत पदक हासिल किया। सुशील ओलंपिक में दो व्यक्तिगत स्पर्धा के पदक जीतने वाले अकेले भारतीय थे और अब बैडमिंटन खिलाड़ी पी वी सिंधू ने यहां कांस्य जीतकर इसकी बराबरी की। लंदन ओलंपिक में योगेश्वर दत्त ने भी कांस्य पदक जीता था। वहीं साक्षी मलिक ने रियो ओलंपिक 2016 में कांसे का तमगा हासिल किया था।