नयी दिल्ली, 29 अप्रैल ( भाषा ) भारत की विश्व रिकार्डधारी भारोत्तोलक मीराबाई चानू ने गुरूवार को बताया कि वह रियो ओलंपिक 2016 में नाकामी के बाद पूरी तरह से टूट चुकी थी और उन्हें मनोवैज्ञानिक की मदद लेनी पड़ी ।
चानू रियो ओलंपिक में तीनों प्रयासों में एक भी वैध लिफ्ट नहीं कर सकी थी ।
भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा कराई गई वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस में चानू ने खिलाड़ियों के लिये मनोवैज्ञानिक की सेवायें लेने पर जोर दिया ।
उन्होंने कहा ,‘‘ खिलाड़ियों को मनोवैज्ञानिक की जरूरत है । कई बार अभ्यास करने का मन नहीं करता या अभ्यास के दौरान चोटिल होने पर मनोबल गिर जाता है ।ऐसे समय में मनोवैज्ञानिक बहुत काम आते हैं ।’’
चानू ने कहा ,‘‘ रियो ओलंपिक में नाकाम रहने के बाद मैं पूरी तरह टूट गई थी । मुझसे पदक जीतने की उम्मीदें थी लेकिन मैं ऐसा नहीं कर सकी । मैं सोचती रही कि इतनी मेहनत के बाद भी मैं नाकाम क्यों रही ।’’
उन्हहोंने कहा ,‘‘ मैने मनोवैज्ञानिक से बात की और धीरे धीरे सामान्य हो गई।’’
भाषा मोना सुधीर
सुधीर