सीआरपीएफ की अनकही कहानियों को साझा करने के लिए स्‍लो एप से करार

सीआरपीएफ की अनकही कहानियों को साझा करने के लिए स्‍लो एप से करार

  •  
  • Publish Date - January 29, 2021 / 10:29 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:07 PM IST

लखनऊ, 29 जनवरी (भाषा) देश के प्रमुख सुरक्षा बल केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की बहादुरी की अनकही कहानियां अब जाने-माने ऑडियो कथाकार नीलेश मिसरा के ‘स्‍लो एप’ पर सुनी जा सकती हैं।

सीआरपीएफ द्वारा शुक्रवार को सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर, बिजनौर रोड, लखनऊ में आयोजित एक समारोह में इसके लिए करार किया गया। सीआरपीएफ के महानिदेशक एपी माहेश्वरी ने नीलेश मिसरा के ‘स्‍लो कंटेंट प्राइवेट लिमिटेड’ के साथ बहादुरी की कहानियों को साझा करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्‍ताक्षर किये।

इस मौके पर सीआरपीएफ के महानिदेशक माहेश्वरी ने अपने संबोधन में कहा कि सीआरपीएफ देश का सबसे सुशोभित पुलिस बल है, जिसे 2,112 वीरता पदक प्राप्‍त हुए और इस संस्‍था ने निस्‍वार्थ भाव से देश की सेवा करते हुए अपने 2,224 बहादुरों का बलिदान किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘सीआरपीएफ के जवानों की हर कहानी अपने साथ सहानुभूति, त्‍याग, मानवता और बहादुरी का पाठ लेकर आती है और हमें खुशी है कि नीलेश मिसरा के साथ न केवल हमारे बहादुर जवानों के संबंध होंगे बल्कि उनके रिश्‍तेदारों और परिवारों की कहानियों को भी इस एप के जरिये दुनिया को बताया जायेगा।”

स्‍लो कंटेंट प्राइवेट लिमिटेड के संस्‍थापक नीलेश मिसरा ने कहा, ” एक लेखक, एक कहानीकार के रूप में मुझे लगता है कि अनसुनी कहानियों को अपनी आवाज देना हमारी जिम्‍मेदारी है। सीआरपीएफ के जवान हमेशा देश के नागरिकों की सेवा और सहयोग के लिए आगे आते हैं और उनकी वीरता की हर कहानी प्रेरणादायक है।”

मिसरा ने कहा, ”ऐसी कहानियों को ज्‍यादा से ज्‍यादा लोगों तक पहुँचना चाहिए और हमें सीआरपीएफ को सार्थक और समृद्ध तरीके से द स्‍लो एप पर प्रस्‍तुत करने पर बहुत गर्व है।”

उन्‍होंने कहा कि सीआरपीएफ के अधिकारी और जवान वीडियो तथा ऑडियो के जरिये एप पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि स्‍लो एप में इनकी भागीदारी के अलावा सीआरपीएफ परिवार के बच्‍चों की उपलब्धियों का भी वर्णन किया जाएगा। यह सभी उम्र के दर्शकों और श्रोताओं के लिए प्रेरणादायक होगी।

इस एप के जरिये सीआरपीएफ चैनल में नीलेश मिसरा और अन्‍य कलाकारों द्वारा लिखित कहाानियां शामिल होंगी।

भाषा आनन्‍द

देवेंद्र

देवेंद्र