एल्गार परिषद मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा था इसलिये एनआईए को सौंपा गया : जांच एजेंसी

एल्गार परिषद मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा था इसलिये एनआईए को सौंपा गया : जांच एजेंसी

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  • Publish Date - July 13, 2021 / 11:51 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:54 PM IST

मुंबई, 13 जुलाई (भाषा) राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने बंबई उच्च न्यायालय को मंगलवार को बताया कि केंद्र ने एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले को पुणे पुलिस से केंद्रीय एजेंसी को सौंपने का स्वत: लिया था क्योंकि राष्ट्रीय सुरक्षा पर इसका असर पड़ा था।

एनआईए ने यह भी कहा कि उसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाए जा रहे हैं जबकि वह देश में गैरकानूनी व आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिये लड़ रही है, जिसमें नक्सलवाद ने कई स्तरों पर नुकसान पहुंचाया है।

उसने दावा किया कि राज्य सरकारों को काफी स्वायत्तता और कार्यात्मक विशेषाधिकार दिए गए हैं, लेकिन सभी विषयों की एक जटिल श्रेणी को लेकर ज्यादा शक्तियां और विशेषाधिकार केंद्र सरकार के पास हैं।

केंद्रीय एजेंसी ने मामले में गिरफ्तार मानवाधिकार वकील सुरेंद्र गाडलिंग और कार्यकर्ता सुरेंद्र धवले द्वारा दायर याचिका पर उच्च न्यायालय में इस आशय का हलफनामा दायर किया। याचिका में केंद्र सरकार के जनवरी 2020 के उस आदेश को चुनौती दी गई थी जिसके तहत महाराष्ट्र की पुणे पुलिस से मामले की जांच एनआईए को स्थानांतरित की गई थी।

अधिवक्ता एस बी तालेकर के जरिये 2020 में दायर याचिका में आरोप लगाया गया कि भाजपा के महाराष्ट्र में बहुमत खोने के बाद केंद्र सरकार ने मामले को स्थानांतरित किया और इसलिये फैसला “राजनीति से प्रेरित” है।

तालेकर ने न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एन जे जमादार की एक खंडपीठ को मंगलवार को बताया कि मामले में जांच एफआईआर दर्ज होने के दो साल बाद एनआईए को स्थानांतरित की गई।

उन्होंने अदालत को बताया कि एनआईए ने मामले में हलफनामा दायर कर दिया है लेकिन केंद्र और महाराष्ट्र सरकार द्वारा हलफनामा दायर किया जाना अभी बाकी है।

एनआईए के वकील संदेश पाटिल ने हालांकि कहा कि उन्हें पता नहीं है कि जांच एजेंसी ने हलफनामा दायर कर दिया है। उन्होंने अदालत से मामले को देखने के लिए एक हफ्ते का वक्त मांगा।

इसके बाद अदालत ने मामले में सुनवाई की अगली तारीख 19 जुलाई तय कर दी।

भाषा

प्रशांत माधव

माधव