रायपुर। लॉकडाउन के दौरान रसूखदारों को शराब की पार्टी के आयोजन और गोली चलने की घटना के बाद खबरों में आए ‘क्वींस क्लब’ को लेकर फिर एक बड़ा खुलासा हुआ है।
क्वींस क्लब के निर्माण के समय टेंडर हासिल करने में बड़ा गोलमाल किया था, क्लब के संचालक हरबक्श सिंह ने पत्नी से ही सर्टिफिकेट जारी करवाए थे, वर्क एक्सपीरियंस सर्टिफिकेट में पद का उल्लेख नहीं किया गया था। पद का जिक्र नहीं होने से बड़े गोलमाल की आशंका है।
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जानकारी के अनुसार जो वर्क एक्सपीरियंस सर्टिफिकेट दिया गया है उसके आधार पर इतना बड़ा टेंडर मिलना ही नहीं चाहिए था। इस क्लब का निर्माण 2009 में हुआ था लेकिन इसमें धांधली का खेल 2006 में ही शुरू हो गया था।
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हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों ने सिंगल कॉल के जरिए टेंडर दिया, दो बार टेंडर कॉल किया गया, जिसमें किसी दूसरे पार्टीसिपेंट ने हिस्सा नहीं लिया। तीसरी बार भी टेंडर कॉल किया जा सकता था लेकिन हाउसिंग बोर्ड द्वारा ऐसा नहीं किया गया। हरबख्श सिंह के फैमिली की संस्था ने हीे हरबख्श सिंह को सर्टिफिकेट दिए, जिसमें बड़े घोटाले की आशंका है।