बस्तर में स्टील उद्योग को 30 प्रतिशत रियायत पर लौह अयस्क देने का आग्रह, सीएम भूपेश बघेल ने लिखा पीएम को पत्र

बस्तर में स्टील उद्योग को 30 प्रतिशत रियायत पर लौह अयस्क देने का आग्रह, सीएम भूपेश बघेल ने लिखा पीएम को पत्र

बस्तर में स्टील उद्योग को 30 प्रतिशत रियायत पर लौह अयस्क देने का आग्रह, सीएम भूपेश बघेल ने लिखा पीएम को पत्र
Modified Date: November 29, 2022 / 08:44 pm IST
Published Date: July 19, 2020 2:35 pm IST

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर बस्तर में स्टील उद्योग को एन.एम.डी.सी. के माध्यम से 30 प्रतिशत रियायत पर लौह अयस्क उपलब्ध कराने का आग्रह किया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि इससे बस्तर में बड़े पैमाने पर स्टील उद्योगों का संचालन और इसके जरिए बड़े पैमाने पर स्थानीय युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी, जिससे बस्तर के विकास और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में इस बात का उल्लेख भी किया है कि राज्य शासन की ओर से भारत सरकार के उपक्रम एन.एम.डी.सी. को इस आशय का प्रस्ताव भी भेजा जा चुका है।

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ राज्य का बस्तर अंचल देश के विशिष्ट क्षेत्रों में से एक है। खनिज सम्पदा एवं वन सम्पदा की प्रचुरता के बाद भी बस्तर अंचल राज्य एवं देश के अन्य भागों की तुलना में सभी मानकों में पिछड़ा हुआ है। सघन वन क्षेत्रों एवं वन संरक्षण अधिनियम के कड़े प्रावधानों के कारण बस्तर में आर्थिक गतिविधियां के अवसर अत्यन्त सीमित है। अंचल में व्याप्त बेरोजगारी के कारण ही वहां नक्सल गतिविधियां के प्रसार होने से स्थिति और जटिल हो गयी है। वर्ष 2015 में डी.एम.एफ. योजना के आरंभ से खनन प्रभावित परिवारों की स्थिति में सुधार के लिए प्रयास हो रहा है। राज्य सरकार द्वारा भी विगत डेढ़ वर्षो की अवधि में बस्तर के लोगों के जीवन में सुधार हेतु अनेक अभिनव कार्य आरंभ किए गए है। किन्तु रोजगार के नए अवसरों का बड़े पैमाने पर सृजन किए बिना बस्तर का विकास संभव नहीं है।

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्र में लिखा है कि एन.एम.डी.सी. द्वारा दंतेवाड़ा जिले में विगत लगभग आधी शताब्दी से बड़ी मात्रा में लौह अयस्क का खनन किया जा रहा है। लौह अयस्क की प्रचुरता के बाद भी विषम परिस्थितियों के विद्यमान होने के कारण निजी उद्यमियों के लिए बस्तर में स्टील उद्योगों की स्थापना लाभप्रद नहीं है। यदि एन.एम.डी.सी. द्वारा बस्तर में स्टील निर्माण किए जाने वाले निवेशकों को लौह अयस्क 30 प्रतिशत की छूट पर दिया जाए तो इससे बस्तर अंचल में छोटी-बड़ी अनेक स्टील निर्माण इकाईयों की स्थापना का मार्ग प्रशस्त हो सकेगा तथा स्थानीय निवासियों हेतु प्रत्यक्ष रोजगार के लाखों नए अवसर निर्मित हो सकते है।

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मुख्यमंत्री ने पत्र में अवगत कराया है कि राज्य शासन की ओर से एन.एम.डी.सी. को इस आशय का औपचारिक प्रस्ताव प्रेषित किया जा चुका है। भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री से बस्तर अंचल के निवासियों के हितों को दृष्टिगत रखते हुए खनिज मंत्रालय, एन.एम.डी.सी. को बस्तर के लिए रियायती दर पर लौह अयस्क उपलब्ध कराने के निर्देश जारी करने का भी अनुरोध किया है।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com