अदालत ने निजी अस्पताल के डॉक्टरों से वरवर राव की जांच कराने का आदेश दिया

अदालत ने निजी अस्पताल के डॉक्टरों से वरवर राव की जांच कराने का आदेश दिया

अदालत ने निजी अस्पताल के डॉक्टरों से वरवर राव की जांच कराने का आदेश दिया
Modified Date: November 29, 2022 / 07:55 pm IST
Published Date: November 12, 2020 1:31 pm IST

मुंबई, 12 नवंबर (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को यहां के एक निजी अस्पताल के डॉक्टरों के एक पैनल को जेल में बंद कवि व कार्यकर्ता वरवर राव का वीडियो लिंक के जरिए मेडिकल परीक्षण करने का निर्देश दिया।

एल्गार परिषद- माओवादी संबंध मामले में आरोपी 81 वर्षीय राव को पड़ोसी नवी मुम्बई के तलोजा जेल में विचाराधीन कैदी के रूप में रखा गया है।

न्यायमूर्ति ए के मेनन की अगुवाई वाली एक खंडपीठ राव की पत्नी हेमलता द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में अनुरोध किया गया है कि उन्हें बेहतर इलाज के लिए निजी नानावती अस्पताल में भर्ती कराया जाए, उनके स्वास्थ्य का आकलन करने के लिए एक स्वतंत्र मेडिकल बोर्ड का गठन किया जाए तथा उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए।

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राव की ओर से पेश वकील इंदिरा जयसिंह ने दावा किया कि उनका स्वास्थ्य ‘तेजी से बिगड़ रहा है’ और एक जायज आशंका है कि जेल में उनकी मृत्यु तक हो सकती है।

वकील ने कहा कि राव को भूलने की बीमारी है, वह अगस्त से जेल के अस्पताल में बिस्तर पर हैं तथा उन्हें डायपर पहनने की जरूरत है।

जयसिंह ने कहा कि यदि राव का जेल में निधन हो जाता है तो यह ‘हिरासत में मौत’ का मामला होगा। उन्होंने कहा कि उन्हें जेल में रखना अनुच्छेद 21 के तहत उनके जीने के अधिकार का उल्लंघन है।

अदालत ने शुरू में सुझाव दिया कि नानावती अस्पताल के डॉक्टरों की एक टीम जेल में राव से मुलाकात करे।

मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने इसका विरोध किया। एजेंसी ने राव को नानावती अस्पताल में भर्ती कराने के जयसिंह के अनुरोध का भी विरोध किया।

एनआईए के वकील अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि कैदी अपने डॉक्टरों का चयन नहीं कर सकते और इससे गलत नजीर बनेगी।

सिंह ने कहा, ‘कल, हर कैदी कहेगा कि मुझे नानावती अस्पताल में भर्ती कराया जाए। इसके अलावा, हमें अपने सरकारी डॉक्टरों और अस्पतालों की विश्वसनीयता को कमतर नहीं आंकना चाहिए।’

अदालत ने हालांकि कहा कि अगर वीडियो परामर्श की अनुमति दी जाती है तो कोई नुकसान नहीं होगा।

पीठ ने कहा कि मुख्य चिंता आरोपी की वर्तमान चिकित्सा स्थिति का आकलन है।

अदालत ने नानावती अस्पताल के डॉक्टरों को निर्देश दिया कि वे जल्द से जल्द वीडियो आकलन रिपोर्ट प्रस्तुत करें और अगर जरूरी हुआ तो 16 नवंबर तक भौतिक आकलन रिपोर्ट पेश करें।

भाषा

अविनाश मनीषा

मनीषा


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