चक्रवात तूफान ताऊते : मुंबई में 6 की मौत, गुजरात में 2 लाख लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया

चक्रवात तूफान ताऊते : मुंबई में 6 की मौत, गुजरात में 2 लाख लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया

  •  
  • Publish Date - May 17, 2021 / 06:52 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:01 PM IST

मुंबई, 17 मई (भाषा) भीषण चक्रवाती तूफान सोमवार रात में गुजरात के सौराष्ट्र तट से आ टकराया और इस दौरान हवा 185 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चल रही है। इससे पहले, चक्रवात के कारण मुंबई में भारी वर्षा हुई और गुजरात में दो लाख से अधिक लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना पड़ा। वहीं, इसके चलते दो नौकाएं तट से दूर अरब सागर में चली गई हैं, जिन पर 410 लोग सवार हैं।

Read More News: अपनों पे सितम! साहबजी ये ठीक नहीं…छत्तीसगढ़ में अधिकारी और कर्मचारी अपने ही सीनियर अफसर और विभाग के

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि चक्रवात के रात करीब 9:30 बजे टकराने के दौरान केंद्र शासित दीव में 133 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवाएं चलीं।

विभाग ने कहा कि एक भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया ‘ताउते’ वर्तमान समय में गुजरात तट के पास स्थित है। आईएमडी ने कहा कि इसके टकराने की प्रक्रिया शुरू हो गई है और यह अगले दो घंटे जारी रहेगी।

Read More News: बारिश ने खोली कोविड ICU वार्ड की पोल, छत से टपकने लगा पानी, मची अफरातफरी

आईएमडी ने ट्वीट कर कहा कि चक्रवात का केंद्र अगले तीन घंटे में सौराष्ट्र तट को पार करते हुए पूर्वी दीव की तरफ बढ़ेगा।

गुजरात मौसम केंद्र की सहायक निदेशक मनोरमा मोहंती ने कहा, ” हम उम्मीद करते हैं कि चक्रवात गुजरात तट से अगले दो घंटे के भीतर गुजर जाएगा।”

उन्होंने कहा कि चक्रवात ताउते गुजरात में पिछले 23 साल में टकराने वाला सबसे विनाशकारी चक्रवात है जोकि केंद्र शासित दीव और भावनगर जिले के महुवा शहर के बीच कहीं टकराएगा।

गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने चक्रवात के टकराने की पुष्टि करते हुए गांधनगर में संवाददाताओं से कहा कि तटीय जिलों अमरेली, जूनागढ़, गिर-सोमनाथ और भावनगर में 150 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवाएं चलेंगी और ये जिले चक्रवात से सर्वाधिक प्रभावित होंगे।

Read More News: अपनों पे सितम! साहबजी ये ठीक नहीं…छत्तीसगढ़ में अधिकारी और कर्मचारी अपने ही सीनियर अफसर और विभाग के 

वहीं, महाराष्ट्र में अधिकारियों ने कहा कि महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र में भीषण चक्रवाती तूफान से संबंधित अलग-अलग घटनाओं में छह लोगों की मौत हो गई और दो नौकाओं के समुद्र में डूब जाने से तीन नाविक लापता हैं।

तीन लोगों की मौत रायगढ़ जिले में हुईं, एक नाविक की मौत सिंधुदुर्ग जिले में और ठाणे जिले के नवी मुंबई और उल्हासनगर में दो लोगों की मौत उन पर पेड़ गिरने से हुई।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि सिंधुदुर्ग जिले के आनंदवाड़ी बंदरगाह में लंगर डाले दो नौकायें डूब गई जिन पर सात नाविक सवार थे।

जब चक्रवात महाराष्ट्र तट से आगे बढ़ा और सुबह मुंबई के करीब पहुंचा तो यहां स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे ने पूर्वाह्न 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक परिचालन स्थगित करने की घोषणा की और बाद में रात आठ बजे तक सभी परिचालन स्थगित रखने का फैसला किया।

एक अधिकारी ने बताया कि गुजरात में निचले तटीय इलाकों से दो लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है, जबकि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की 54 टीमें तैनात की गई हैं।

एक अधिकारी ने कहा कि चक्रवात ताउते गुजरात तट की ओर बढ़ने के मद्देनजर पोरबंदर सिविल अस्पताल के ऐसे कम से कम 17 कोविड​​-19 रोगियों को सोमवार को एहतियात के तौर पर अन्य अस्पतालों में स्थानांतरित कर दिया गया जो वहां आईसीयू में वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे।

Read More News: राहुल देव शर्मा होंगे नये विधानसभा CSP, नया संभाग बनने के बाद हुई पहली पदस्थापना, आदेश जारी

इस बीच, गुजरात में अहमदाबाद और सूरत समेत सभी प्रमुख हवाई अड्डों में बतौर सावधानी संचालन रोक कर दिया गया।

गुजरात सरकार ने कहा कि केंद्र ने चक्रवात से निपटने के लिए गुजरात को हर संभव मदद की पेशकश की है और सेना, नौसेना और वायुसेना को जरूरत पड़ने पर प्रशासन की सहायता के लिए तैयार रहने को कहा है।

गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने तटीय जिलों के जिलाधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह राज्य सरकार के संपर्क में हैं और उन्होंने हरसंभव मदद का भरोसा दिया है।

मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने कहा कि प्रधानमंत्री ने रूपाणी को फोन किया और चक्रवात से निपटने के लिए राज्य सरकार की तैयारियों के बारे में जानकारी ली।

9 जून, 1998 को गुजरात में आए एक बड़े चक्रवात से व्यापक क्षति हुई थी और बड़ी संख्या में लोगों की मौतें हुई थीं, विशेष रूप से कांडला के बंदरगाह शहर में। वहीं आधिकारिक आंकड़ों ने तब मरने वालों की संख्या 1,173 बताई थी, जबकि 1,774 लापता हो गए थे।

एक प्रमुख समाचार पत्रिका ने तब दावा किया था कि इसमें कम से कम 4,000 लोग मारे गए थे और अनगिनत लापता हो गए थे क्योंकि शव समुद्र में बह गए थे।

Read More News: 25 मई से ऑनलाइन होगी स्नातक और स्नाकोत्तर के फाइनल ईयर की परीक्षाएं, अटल बिहारी वाजपेयी यूनिवर्सिटी ने जारी की अधिसूचना

भारतीय नौसेना ने सोमवार को मुंबई तट पर दो नौकाओं पर सवार 410 लोगों को बचाने के लिए संदेश मिलने के बाद अपने तीन अग्रिम पंक्ति के युद्धपोतों को तैनात किया। इन दो नौकाओं की सहायता के लिए तैनात पोतों में आईएनएस कोलकाता, आईएनएस कोच्चि और आईएनएस तलवार शामिल हैं।

नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक मढवाल ने कहा, ‘‘बॉम्बे हाई इलाके में हीरा ऑयल फील्ड्स तट से नौका ‘पी 305’ के दूर जाने की सूचना मिलने पर आईएनएस कोच्चि को बचाव एवं तलाश अभियान के लिए रवाना किया गया। नौका पर 273 लोग सवार थे।’’ ऑयल फील्ड मुंबई से करीब 70 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम में है।

नौसेना के अधिकारी ने बताया, ‘‘मुंबई से आठ समुद्री मील की दूरी पर स्थित नौका ‘जीएएल कंस्ट्रक्टर’ से एक अन्य त्राहिमाम संदेश मिला जिस पर 137 व्यक्ति सवार हैं। इसके बाद आईएनएस कोलकाता को सहायता के लिए भेजा गया है।’’

मुंबई में नौसेना के एक प्रवक्ता ने रात में कहा कि खराब मौसम के बीच बजरा 305 पर बचाव अभियान चलाया जा रहा है।

Read More News: महिला की खदकुशी के मामले में उमंग सिंघार पर FIR दर्ज, नौकर-नौकरानी के बयान के आधार पर दर्ज हुआ मामला

भारतीय तटरक्षक बल ने कहा कि उसने 16 मई की रात को चक्रवात के कारण अशांत समुद्र के बीच कोच्चि तट से लगभग 35 समुद्री मील दूर फंसे 12 मछुआरों को बचाया।

चक्रवात ताउते के उत्तर में गुजरात की ओर बढ़ने के साथ ही महाराष्ट्र और गोवा के तटीय क्षेत्रों में तेज हवाएं चलने के साथ ही भारी वर्षा और समुद्र में ऊंची लहरें उठी।

निकाय अधिकारियों ने बताया कि मुंबई में सोमवार दोपहर में 114 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं, क्योंकि चक्रवाती तूफान मुंबई तट के करीब से गुजरा।

आईएमडी मुंबई की वरिष्ठ निदेशक शुभांगी भूटे ने कहा कि दोपहर में कोलाबा वेधशाला में हवा की गति सबसे अधिक 108 किमी प्रति घंटे दर्ज की गई।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार को चक्रवाती तूफान के मद्देनजर मुंबई, ठाणे और राज्य के अन्य तटीय जिलों के हालात का जायजा लिया।

मुंबई में भारी बारिश जारी रही, इसके मद्देनजर 12,000 से अधिक नागरिकों को तटीय क्षेत्रों से सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया। इनमें रायगढ़ जिले के 8,380, रत्नागिरि के 3,896 और सिंधुदुर्ग जिले के 144 लोग शामिल हैं।

सोमवार सुबह जब मुंबई वासी नींद से उठे तो उन्होंने तेज हवाएं और भारी बारिश देखी जो चक्रवात के कारण था। मुंबई के कई लोग कोरोना वायरस महामारी के बीच मौसम में बदलाव का आनंद ले रहे हैं।

उधर, कर्नाटक में चक्रवात ताउते की वजह से प्रभावित तटीय और मलनाड जिले में आठ लोगों की मौत हो गई।

कर्नाटक राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों की ओर से स्थिति को लेकर जारी रिपोर्ट में बताया गया कि आज सुबह तक 121 गांव और तालुका चक्रवात से प्रभावित हैं।

बयान में बताया गया कि 547 लोगों को अब तक उनके संबंधित स्थानों से निकाला गया है और चक्रवात से लोगों को बचाने के लिए यहां खोले गए 13 राहत शिविरों में 290 लोग शरण लिए हुए हैं।