भोपाल। शिक्षा विभाग में अपने संविलियन को लेकर लंबा संघर्ष करने वाले अध्यापकों को शिक्षा विभाग में कब शामिल किया जाएगा। इस का फैसला शिवराज सरकार अभी नहीं कर पाई है। विधानसभा में इस संबंध में विधायकों द्वारा पूछे गए सवालों पर सरकार ने एक ही जवाब दिया है कि इस संबंध में प्रस्ताव तैयार किया जा रह है। सरकार ने अतिथि शिक्षकों का मानदेय बढ़ाने और पांच साल की सेवा के बाद उन्हें नियमित करने संबंधी किसी भी प्रस्ताव से इंकार किया है। अतिथि शिक्षक लंबे समय से नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं।
मुंगावली-कोलारस में मतगणना कल, कांग्रेस प्रत्याशी ने केंद्र के बाहर लगाया पहरा
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा 21 जनवरी 2018 को आंदोलनरत अध्यापकों को शिक्षक पदनाम देने और पूरे संवर्ग को शिक्षा विभाग में शामिल करने की घोषणा की थी। उनकी इस घोषणा पर कई विधायकों ने विधानसभा में सवाल उठाए हैं और जानना चाहा है कि सीएम की घोषणा के एक महीने बाद सरकार की इस संबंध में कार्यवाही कितने आगे बढ़ी। सवाल उठाने वालों में विधायक गोविन्द सिंह, आरिफ अकील, उषा चैधरी, रामनिवास रावत, सोहनलाल बाल्मीक शामिल हैं।
मध्य प्रदेश कांग्रेस के पास फंड में पैसा नहीं उम्मीदवारों को देना होगा 50 हजार
स्कूल शिक्षा मंत्री विजय शाह ने इनके सवाल के जवाब में कहा कि शिक्षा व जनजातीय कार्य विभाग में अध्यापकों की सेवाएं करने का समुचित प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इसकी समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
वेब डेस्क, IBC24