दक्षिण भारत से फलों के साथ दिल्ली रवाना हुई पहली ‘किसान रेल’, खेतों को कृषि बाजार से जोड़ने का प्रयास

दक्षिण भारत से फलों के साथ दिल्ली रवाना हुई पहली ‘किसान रेल’, खेतों को कृषि बाजार से जोड़ने का प्रयास

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  • Publish Date - September 9, 2020 / 11:55 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:56 PM IST

अमरावती / नयी दिल्ली, 9 सितम्बर (भाषा) खेतों को कृषि बाजारों से जोड़ने के लिए दक्षिण भारत से पहली ‘किसान रेल’ बुधवार को अनंतपुरमू से 322 टन ताजा फल, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की प्रसिद्ध आजादपुर मंडी के लिए लेकर रवाना हुई।

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने ‘किसान रेल’ को क्रमश: नयी दिल्ली और अमरावती से एक वीडियो लिंक के जरिये हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह देश की दूसरी ‘किसान रेल’ है। इस ट्रेन में 14 पार्सल वैन हैं और यह ट्रेन 40 घंटे में 2150 किलोमीटर का सफर तय करेगी।

केंद्रीय रेल राज्य मंत्री सुरेश अंगड़ी, अनंतपुरमू के सांसद टी रंगैया, दक्षिण मध्य रेलवे के महाप्रबंधक गजानन माल्या, अनंतपुरमू के जिला कलेक्टर जी. चंद्रुडू, गुंटकल रेल मंडल के प्रबंधक आलोक तिवारी और अन्य इस आयोजन में शामिल हुए। ‘किसान रेल’ किसानों, विशेष रूप से बागवानी फसलों को उगाने वालों के लिए एक वरदान के रूप में आयी है क्योंकि इससे यह सुनिश्चित होगा कि उपज जल्दी बाजारों तक पहुंचे।

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तोमर ने उद्घाटन कार्यक्रम में कहा, ‘‘अनंतपुरमू में दो लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फल और सब्जी उगायी जाती है और ‘किसान रेल’ इस क्षेत्र के किसानों के लिए बहुत लाभकारी साबित होगी। किसान उड़ान सेवा भी जल्द शुरू की जाएगी।’’

गत सात अगस्त को पहली ‘किसान रेल’ महाराष्ट्र में देवलाली और बिहार में दानापुर के बीच साप्ताहिक सेवा के तौर पर चलायी गई थी। इसे बाद में मांग बढ़ने पर सप्ताह में दो बार कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि अब दूसरी ‘किसान रेल’ से इसके मार्ग में आने वाले राज्यों को लाभ होगा।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, तोमर ने आनलाइन कार्यक्रम में कहा कि ‘किसान रेल’ और ‘किसान उड़ान’ की इस वर्ष बजट में घोषणा की गई थी ताकि कृषि उपज को कम समय में पूरे देश में पहुंचाया जा सके। तोमर ने आंध्र प्रदेश में नये कृषि अध्यादेश और एक लाख करोड़ रुपये के कृषि आधारभूत कोष लागू किये जाने की प्रशंसा की।

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रेड्डी ने कहा कि बागवानी राज्य में एक महत्वपूर्ण गतिविधि है और राज्य टमाटर, नारियल, पपीता और मिर्च के उत्पादन में पहले स्थान पर है और आंध्र प्रदेश दक्षिण भारत में सबसे बड़ा फल उत्पादक राज्य है।

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उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 स्थिति के दौरान इस बागवानी उत्पाद का उत्तर भारत में परिवहन मुश्किल हो गया था। लॉकडाउन के दौरान अनंतपुरमू से मुंबई के बीच कई विशेष ट्रेनें चलाई गईं ताकि बागवानी उत्पाद देश के अन्य हिस्सों में पहुंच सके।’’

केंद्रीय रेल राज्य मंत्री ने कहा कि किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए, दूर के स्थानों तक कृषि उपज का परिवहन तेजी से करने में मदद के लिए ‘किसान रेल’ शुरू की जा रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘परिवहन समय में कमी के कारण किसान अपनी उपज को कहीं भी बेच सकते हैं, जहां उन्हें उत्पाद के बिना खराब हुए, उसका बेहतर मूल्य मिलता है। यह सुविधा कृषि निर्यात बढ़ाने में भी मदद करेगी।’’

कलेक्टर चंद्रुडू ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘इससे किसानों को कई तरह से लाभ मिलेंगे। भारी मात्रा को एक ही बार में परिवहन किया जा सकता है, परिवहन समय कम होगा, लागत में कटौती होगी और परिवहन नुकसान भी कम होगा।’’

ट्रकों के माध्यम से परिवहन की मौजूदा व्यवस्था में, किसानों को फसल के बाद के लगभग 25 प्रतिशत नुकसान से प्रतिवर्ष करीब 300 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हम अब इसे खत्म कर सकते हैं क्योंकि ट्रेन से परिवहन होने पर उत्पाद यथावत रहेगा जिससे उसका अच्छा मूल्य प्राप्त होगा।’’ चंद्रुडू ने कहा, ‘‘300 करोड़ रुपये (परिवहन क्षति के कारण) का नुकसान समाप्त करने के अलावा, किसान अपनी उपज की अच्छी कीमत प्राप्त करके प्रतिवर्ष 400 करोड़ रुपये का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।’’

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अनंतपुरमू में हालांकि वर्षा कम होती है लेकिन इसे ‘‘आंध्र प्रदेश का फल का कटोरा’ माना जाता है, जहां बागवानी के अंतर्गत आने वाला फसली क्षेत्र 2.02 लाख हेक्टेयर का है, जिससे विभिन्न फलों और सब्जियों का प्रतिवर्ष 58.39 लाख टन का उत्पादन होता है।राज्य में फल और सब्जियों की खपत केवल छह लाख टन के आसपास है, बाकी देश और विदेश में विपणन किया जाता है।

उन्होंने कहा, ‘‘मीठा संतरा, केला, आम, पपीता, अनार और खरबूज हमारी प्रमुख उपज हैं जिनका दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गोवा, तमिलनाडु, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, गुजरात और कर्नाटक में अच्छा बाज़ार है। हमारे टमाटर, अंगूर, अनार, मीठे संतरे और केले का निर्यात बांग्लादेश, नेपाल और पश्चिमी देशों में किया जाता है।’’ किसान रेल को अभी सप्ताह में एक बार चलाने की योजना है, लेकिन जनवरी से मांग के आधार पर इसके फेरे बढ़ाए जा सकते हैं।