इंदौर (मध्य प्रदेश), 27 मई (भाषा) ब्लैक फंगस (म्यूकर माइकोसिस) के मामलों में वृद्धि के बीच यहां शासकीय महाराजा यशवंतराव होलकर चिकित्सालय (एमवाईएच) में पिछले दो हफ्तों के दौरान इस संक्रमण के चार गंभीर मरीजों की एक-एक आंख सर्जरी के जरिये निकाली गई ताकि उनकी जान बचाई जा सके।
एमवाईएच के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बृहस्पतिवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘हमारे नेत्र सर्जनों की टीम पिछले दो हफ्ते के दौरान ब्लैक फंगस के छह मरीजों का ऑपरेशन कर चुकी है। संक्रमण की रोकथाम के लिए हमें इनमें से चार लोगों की एक-एक आंख निकालना पड़ी है।’
उन्होंने बताया, ‘अगर इन मरीजों की संक्रमित आंख नहीं निकाली जाती, तो संक्रमण बढ़कर उनके मस्तिष्क तक पहुंच जाता जिससे उनकी जान को खतरा हो सकता था।’
वरिष्ठ डॉक्टर ने स्वीकारा कि ब्लैक फंगस के इलाज में प्रमुख तौर पर इस्तेमाल होने वाले एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन की किल्लत बरकरार रहने से मरीजों के इलाज पर असर पड़ रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल सरकारी और निजी क्षेत्र के स्थानीय अस्पतालों में ब्लैक फंगस के 350 से ज्यादा मरीज भर्ती हैं। इनमें इंदौर के अलावा राज्य के अन्य जिलों के मरीज भी शामिल हैं।
ब्लैक फंगस का संक्रमण कोविड-19 से उबर रहे और स्वस्थ हो चुके लोगों में से कुछेक में मिल रहा है।
भाषा हर्ष रंजन
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