छत्तीसगढ़ के 11 संसदीय सचिवों की नियुक्ति और उनके पावर सीज करने के मामले में आज बिलासपुर हाईकोर्ट अपना फैसला सुनाएगा । पिछले दिनों हाईकोर्ट ने कहा था कि जब संसदीय सचिवों की नियुक्ति जब राज्यपाल ने नहीं की है, तो उनका संवैधानिक दायरा नहीं बनता। अगर इनकी नियुक्ति मंत्री पद पर राज्यपाल ने नहीं की है, तो उन्हें काम न करने दिया जाए। साथ ही उनके कामकाज पर तब तक रोक लगा दी थी, जब तक कि संसदीय सचिवों की नियुक्ति पर वो अपना अंतिम फैसला न सुना दें। आपको बता दें कि पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर और सामाजिक कार्यकर्ता राकेश चौबे ने संसदीय सचिव के पद को चुनौती देते हुए याचिका लगाई है, जिस पर हाईकोर्ट ने आदेश जारी कर सभी संसदीय सचिवों के तमाम अधिकार खत्म कर दिए थे। यहां तक कि संसदीय सचिवों के स्वेच्छानुदान पर भी रोक लगी हुई है।