कंगना ने अवैध निर्माण कराया, अब मामले को उलझा रही हैं : बीएमसी

कंगना ने अवैध निर्माण कराया, अब मामले को उलझा रही हैं : बीएमसी

कंगना ने अवैध निर्माण कराया, अब मामले को उलझा रही हैं : बीएमसी
Modified Date: November 29, 2022 / 07:47 pm IST
Published Date: September 10, 2020 12:20 pm IST

मुंबई, 10 सितंबर (भाषा) बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने बृहस्पतिवार को बंबई उच्च न्यायालय में इनकार किया कि उसने किसी गलत मंशा से अभिनेत्री कंगना रनौत के बंगले में ‘‘अवैध’’ निर्माण को ढहाने की कार्रवाई की।

रनौत ने उपनगर बांद्रा के पाली हिल में अपने बंगले के अवैध निर्माण को ढहाने की बीएमसी की कार्रवाई को चुनौती दी है। मामले में बीएमसी ने एक हलफनामा दाखिल किया है ।

बीएमसी ने कहा है, ‘‘याचिकाकर्ता (रनौत) ने भवन के लिए मंजूर योजना में बिना किसी अनुमति के बदलाव करते हुए अवैध निर्माण किया। अपने अवैध कृत्य को छिपाने के लिए वह बेबुनियाद और गलत आरोप लगा रही हैं तथा मामले को उलझा रही हैं।’’

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न्यायमूर्ति एस जे काठावाला और न्यायमूर्ति आर आई छागला की पीठ ने बुधवार को अवैध निर्माण को ढहाने की कार्रवाई पर रोक लगाते हुए कहा था कि इसके पीछे ‘‘दुर्भावना’’ प्रतीत होती है ।

बीएमसी की ओर से पेश वकील आस्पी चिनॉय ने बृहस्पतिवार को दलील दी कि रनौत ने इमारत के लिए मंजूर योजना का उल्लंघन करते हुए अपने बंगले में अवैध निर्माण कराया ।

चिनॉय ने कहा, ‘‘अदालत के निर्देश के तुरंत बाद ढहाने के काम को रोक दिया गया। लेकिन, हम अदालत से अनुरोध करते हैं कि वह याचिकाकर्ता को यथास्थिति बनाए रखने और उक्त परिसर में और कोई काम नहीं कराने का आदेश दें । ’’

रनौत के वकील रिजवान सिद्दीकी ने दावा किया कि बीएमसी ने संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जिसके कारण पानी और बिजली का कनेक्शन बाधित हो गया है । उन्होंने कहा, ‘‘यह बहाल होना चाहिए ।’’

हालांकि, पीठ ने कोई आदेश देने से इनकार कर दिया और मामले को 22 सितंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।

अपने हलफनामे में बीएमसी ने कहा, ‘‘अपनी मौजूदा अर्जी में भी याचिकाकर्ता ने इस तथ्य का विरोध नहीं किया है कि उन्होंने गैरकानूनी तरीके से वहां पर निर्माण का काम कराया ।’’

इसमें कहा गया, ‘‘याचिकाकर्ता ने बीएमसी पर परेशान करने और दुर्भावना से की गयी कार्रवाई के फर्जी और बेबुनियाद आरोप लगाए हैं।’’

बीएमसी ने कहा कि काम रोकने के लिए पूर्व में नोटिस के जवाब में भी उन्होंने अवैध निर्माण के आरोपों को चुनौती नहीं दी और केवल निराधार आरोप लगाए और नोटिस का जवाब देने के लिए सात दिनों के समय की मांग की ।

नगर निकाय ने कहा कि उसका कोई भी कर्मचारी परिसर में नहीं घुसा और ना ही सुरक्षा गार्ड या किसी अन्य को धमकी दी या उनके साथ गलत तरीके से पेश आए ।

भाषा आशीष उमा

उमा


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