पिछली शताब्दी में उपयोगी रहे कानून अगली सदी के लिए ‘बोझ’ बन जाते हैं : मोदी

पिछली शताब्दी में उपयोगी रहे कानून अगली सदी के लिए ‘बोझ’ बन जाते हैं : मोदी

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  • Publish Date - December 7, 2020 / 10:46 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:46 PM IST

आगरा, सात दिसंबर (भाषा) नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों के व्यापक आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि पिछली शताब्दी के कानूनों को लेकर अगली सदी का निर्माण नहीं किया जा सकता। पिछली सदी में उपयोगी रहे कानून अगली शताब्दी के लिए ‘बोझ’ बन जाते हैं, इसीलिए सुधार की प्रक्रिया लगातार चलनी चाहिए।

प्रधानमंत्री ने आगरा मेट्रो रेल परियोजना के निर्माण कार्यों की वर्चुअल तरीके से शुरुआत करने के बाद अपने संबोधन में किसी का जिक्र किए बगैर कहा, ”नई सुविधाओं और व्यवस्थाओं के लिए सुधार बहुत जरूरी हैं। हम पिछली शताब्दी के कानून लेकर अगली शताब्दी का निर्माण नहीं कर सकते। जो कानून पिछली शताब्दी में बहुत उपयोगी हुए, वे अगली शताब्दी के लिए बोझ बन जाते हैं और इसलिए सुधार की लगातार प्रक्रिया होनी चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लोग अकसर सवाल पूछते हैं कि पहले की तुलना में अब हो रहे सुधार ज्यादा बेहतर तरीके से काम क्यों करते हैं। इसका कारण बहुत ही सीधा है। पहले सुधार टुकड़ों में होते थे। कुछ सेक्टरों और कुछ विभागों को ध्यान में रखकर होते थे, मगर अब एक संपूर्णता की सोच से सुधार किए जा रहे हैं।’’

प्रधानमंत्री का यह बयान नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों द्वारा किए जा रहे आंदोलन के परिप्रेक्ष्य में महत्वपूर्ण माना जा सकता है।

मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ के मूल मंत्र पर मजबूती से काम कर रही है तथा हर चुनाव के नतीजों में जनता का यह विश्वास झलक भी रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज रेहड़ी, ठेले और फेरीवालों से लेकर गरीब तथा मध्यम वर्ग के कल्याण की योजनाएं जमीन पर उतारी गई हैं। यही तो ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ है।

उन्होंने कहा, ‘‘बीते कुछ समय से जो सुधार किए जा रहे हैं, उनसे देश में नया आत्मविश्वास आया है। अगर आप बारीकियों में जाएंगे तो आपको भी संतोष होगा। पहले की तुलना में आपके अंदर भी एक नया विश्वास बनेगा। बीते हर चुनाव में यह विश्वास दिख रहा है।’’

मोदी ने कहा, ”यूपी सहित देश के हर कोने में चुनाव के नतीजों में यह विश्वास झलक रहा है। दो-तीन दिन पहले हैदराबाद में गरीब और मध्यम वर्ग ने सरकार के प्रयासों को अभूतपूर्व आशीर्वाद दिया है। आपका साथ और आपका समर्थन, देशवासियों की छोटी से छोटी खुशी मुझे नए-नए काम करने की हिम्मत देती है।’’

भाषा सलीम नेत्रपाल

नेत्रपाल