पुणे, 26 दिसंबर (भाषा) महाराष्ट्र भाजपा के प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि हर कोई पुणे में बसने के बारे में सोचता है, लेकिन वह कोल्हापुर वापस जाना चाहते हैं, जिसको लेकर सत्तारूढ़ राकांपा ने उनपर और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर कटाक्ष किया।
इस बयान को लेकर तमाम कटाक्षों के बीच पाटिल ने कहा कि वह भाजपा द्वारा तय ‘मिशन’ पूरा करने से पहले कहीं नहीं जा रहे हैं। कोल्हापुर जिले के रहने वाले पाटिल ने पुणे में कोथरुड निर्वाचन क्षेत्र से पिछला महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लड़ा था और जीते थे।
चुनाव में पाटिल को विरोध का सामना करना पड़ा था और पार्टी द्वारा उम्मीदवार बनाये जाने के बाद उनके ‘बाहरी’ होने को विरोधियों ने मुद्दा बनाया और इस धारणा को तोड़ने के लिए उन्हें काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। पार्टी ने तत्कालीन भाजपा विधायक मेधा कुलकर्णी को मौका न देकर पाटिल को वहां चुनाव मैदान में उतारा था।
पुणे में शुक्रवार को एक कार्यक्रम में पाटिल ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, ‘पुणे एक ऐसी जगह है, जहां हर कोई बसने के बारे में सोचता है। यह प्रगति का शहर है… लेकिन मैं वापस कोल्हापुर जाऊंगा। कृपया मेरे विरोधियों को यह बात बता दीजिए।” उक्त कार्यक्रम में विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस भी मौजूद थे।
शनिवार को यहां एक समारोह के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए, महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री और राकांपा के वरिष्ठ नेता अजीत पवार ने पाटिल और फडणवीस पर कटाक्ष किया।
पवार ने कहा, ‘‘किसी ने कहा है कि मैं वापस आऊंगा। दुर्भाग्य से, यह संभव नहीं है। किसी ने कहा मैं वापस जाऊंगा लेकिन आपको पुणे में किसने आमंत्रित किया?’
राकांपा नेता ने कहा, ‘हालांकि, कोथरुड के लोगों ने निर्वाचन क्षेत्र के विकास के लिए आपको पांच साल के लिए चुना है। इसलिए, आपको उनके लिए काम करना चाहिए।’
उनकी टिप्पणी की आलोचना होने के बाद पाटिल ने उसे हल्के-फुल्के अंदाज में लिया। उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी ने पुणे मुझे एक मिशन पर भेजा है और मिशन पूरा होने तक मैं कहीं नहीं जाऊंगा।’’
गौरतलब है कि फडणवीस ने दोबारा सत्ता में आने के संदर्भ में 2019 विधानसभा चुनाव में ‘फिर से लौटने’ की बात कही थी। लेकिन चुनाव परिणाम के बाद शिवसेना ने कांग्रेस और राकांपा से साथ मिलाकर भाजपा को सत्ता से दूर कर दिया।
मराठा आरक्षण पर पवार ने कहा कि मुद्दा उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम इससे संबंधित कानून को सही ठहराने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन मौजूदा हालात को ध्यान में रखते हुए हमने समुदाय को आर्थिक रूप से कमजोर तबके में रखा है। लेकिन, संभव है कि कुछ लोगों के विचार इससे अलग हों।’’
इसबीच पाटिल ने कहा कि सरकार को मराठा समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग में नहीं रखना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर ऐसा कुछ होता है तो यह गांव में लोगों के बीच विवाद पैदा करेगा।’’
भाषा अर्पणा माधव
माधव