महाराष्ट्र सरकार प्रतिशोध की भावना से काम नहीं करती: राकांपा मंत्री

महाराष्ट्र सरकार प्रतिशोध की भावना से काम नहीं करती: राकांपा मंत्री

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  • Publish Date - October 16, 2020 / 11:58 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:09 PM IST

मुंबई, 16 अक्टूबर (भाषा) महाराष्ट्र के मंत्री हसन मुशरिफ ने पिछली सरकार द्वारा शुरू की गई जलयुक्त योजना की जांच के फैसले पर शुक्रवार को कहा कि मौजूदा महा विकास अघाड़ी सरकार ”प्रतिशोध” की भावना के साथ काम नहीं करती।

गौरतलब है कि शिवसेना नीत महा विकास अघाड़ी सरकार ने दो दिन पहले, पिछली देवेन्द्र फड़णवीस सरकार की इस योजना की जांच कराने का आदेश दिया था, जिसपर मंत्री ने यह टिप्पणी की।

ग्रामीण विकास मंत्री मुशरिफ ने पत्रकारों से कहा कि विशेष जांच दल द्वारा जांच कराए जाने का फैसला इस जल संरक्षण योजना के बारे में सीएजी द्वारा प्रतिकूल रिपोर्ट पेश किये जाने के बाद लिया गया।

राकांपा नेता मुशरिफ ने कहा, ”क्या हमने सीएजी को यह रिपोर्ट देने के लिये कहा था? हमारी सरकार बदले की भावना से काम नहीं करती।”

उन्होंने कहा, ”उद्धव ठाकरे सरकार बने हुए 11 महीने हो गए हैं। इसने कब प्रतिशोध की भावना से काम किया? मुझे एक उदाहरण दिखाईए।”

महाराष्ट्र को 2019 तक सूखा मुक्त करने के लक्ष्य के साथ फड़णवीस सरकार ने 2014 में ‘जलयुक्त शिवार अभियान’ शुरू किया था। इसके तहत नहरों को चौड़ा और गहरा करना, सीमेंट और मिट्टी के बांध बनाना, नालों की मरम्मत करना और खेतों के लिये तालाबों की खुदाई जैसे कार्य किये जाने थे।

साल 2014 से 2019 तक चली उस सरकार में शिवसेना भी शामिल थी। अब वह राकांपा और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार चला रही है।

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने पिछले साल राज्य की विधानसभा में पेश की गई रिपोर्ट में कहा था कि इस योजना पर 9,633.75 करोड़ रुपये खर्च किये गए, लेकिन यह उतनी प्रभावी साबित नहीं हुई।

भाषा जोहेब मनीषा

मनीषा