महाराष्ट्र सरकार ने कोविड-19 जांच में 270 करोड़ रुपये की लूट की है : भाजपा

महाराष्ट्र सरकार ने कोविड-19 जांच में 270 करोड़ रुपये की लूट की है : भाजपा

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  • Publish Date - September 11, 2020 / 04:36 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:20 PM IST

मुंबई, 11 सितंबर (भाषा) भाजपा का आरोप है कि महाराष्ट्र सरकार ने कोविड-19 जांच के लिए केन्द्र की एजेंसियों के स्थान पर निजी लैब्स को आरटी-पीसीआर और एंटीबॉडी जांच करने की अनुमति देकर करीब 270 करोड़ रुपये की ‘‘लूट’’ की है।

भाजपा नेता प्रवीण दरेकर ने शुक्रवार को कहा कि केन्द्रीय एजेंसियों और निजी लैब्स के द्वारा जांच की कीमतों में फर्क से यह लूट संभव हुई है।

विधान परिषद में विपक्ष के नेता ने दावा किया कि केन्द्र का एचएलएल लाइफकेयर लिमिटेड यही जांच बेहद कम दर पर कर रही थी लेकिन उद्धव ठाकरे सरकार ने इसके लिए निजी लैब्स को चुना और नतीजा 270 करोड़ रुपये का घाटा हुआ।

दरेकर ने कहा, ‘‘इस लूट की जांच अवकाश प्राप्त न्यायाधीश द्वारा करायी जानी चाहिए। केन्द्र की एजेंसी ने सात जुलाई को कहा था कि वह एक आरटी-पीसीआर जांच 1,700 रुपये में करेगी। लेकिन, उस वक्त राज्य सरकार ने निजी लैब्स के लिए 1,900 से 2,200 रुपये प्रति जांच का दर तय किया। 19 अगस्त को केन्द्रीय एजेंसी ने कहा कि वह आरटी-पीसीआर जांच 795 रुपये में करेगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘उस वक्त केन्द्र द्वारा मान्यता प्राप्त एजेंसी और निजी एजेंसियों के बीच जांच की दर का अंतर 1,256 रुपये हो गया। अगर, अब हम यह मानें कि राज्य में 50 प्रतिशत जांच निजी कंपनियों ने की है, तो इस आधार पर उन्होंने अभी तक 19,34,096 जांच किए हैं।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘लोगों को प्रत्येक जांच के लिए 1,256 रुपये अतिरिक्त देने पड़े। इसका मतलब यह हुआ कि लोगों ने 242.92 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च किए।’’

दरेकर ने कहा, ‘‘इसी प्रकार एचएलएल ने एंटीबॉडी जांच 291 रुपये में करने को कहा था जबकि निजी लैब्स 599 में जांच कर रही हैं। यहां 27 करोड़ रुपये का फर्क आ रहा है। कुल लूट 270 करोड़ रुपये की हुई है।’’

भाषा अर्पणा उमा

उमा