Publish Date - December 18, 2025 / 05:04 PM IST,
Updated On - December 18, 2025 / 06:20 PM IST
sanitary pad machine news/ image source: IBC24
HIGHLIGHTS
सेनेटरी पैड मशीनें बेकार
शुचिता योजना की हकीकत
करोड़ों खर्च, मशीनें खराब
Sanitary Pad Machine CG:रायपुर:छत्तीसगढ़ की विधानसभा में राज्य के स्कूलों में सेनेटरी पैड मशीन इंस्टॉल किए जाने का मुद्दा उठा व भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े से सवाल किया और जानना चाहा कि इन मशीनों की वर्तमान स्थिति क्या है। मंत्री ने कहा कि अधिकारियों से जानकारी लेकर बाद में विधानसभा को जानकारी देगी। मगर इससे पहले आपको ग्राउंड रिपोर्ट में बताते हैं की बेटियों के लिए शुरू की गई इस योजना का असल में हाल क्या है।
जमीनी स्तर पर क्या है हाल ?
Sanitary Pad Machine CG: छत्तीसगढ़ की राजधानी के स्कूलों की ग्राउंड रिपोर्ट करने पर जो सच सामने आया वह हैरान करता है। बेटियां पढ़े और उनका हौसला ना टूटे शारीरिक दिक्कतों में उन्हें थोड़ी-थोड़ी राहत मिल सके इसलिए स्कूलों में सेनेटरी पैड मशीन लगाने की योजना साल 2017 में शुरू की गई नाम दिया गया सुचिता योजना। मगर जब आईबीसी 24 की टीम स्कूलों की पड़ताल करने निकली तो जो स्थिति सामने आई वह हैरान करने वाली है। सबसे पहले हम रायपुर के महुआ स्थित स्वामी आत्मानंद स्कूल में पहुंचे। स्कूल के प्रिंसिपल अचल यादव ने यहां वह दस्तावेज दिखाएं जो 6 साल से अधिकारियों को लिख रहे हैं क्योंकि 6 साल से यहां मशीन खराब है और इसकी मरम्मत नहीं हो रही।
राजधानी के सबसे बड़े स्कूल का हाल बेहाल
Sanitary Pad Machine CG: इसके बाद हम पहुंचे राजधानी के सबसे बड़े गर्ल्स स्कूल जहां से कई महिला जनप्रतिनिधि और महिला अधिकारियों ने भी पढ़ाई की है.. राज्य के सबसे बड़े गर्ल्स स्कूल माने जाने वाले इस स्कूल में भी मशीन खराब निकली
विधान सभा में मंत्री ने क्या बताया
विधान सभा में मंत्री ने बताया कि साल 2021-22 और 22-23 और 23 – 24 की अवधि में स्कूलों में 2943 मशीन दी गई है जिसमें 1613 ठीक है और 1330 खराब है। सैनिटरी पैड वाली मशीन लगाने की शुचिता योजना में बजट प्रावधान साल 2019-20 में 6 करोड रुपए 2020-21 में 10 करोड रुपए 2021-22 में 6.50 करोड़ रुपये 2022-23 में 11 करोड रुपए 2030 24 में 12 करोड रुपए यानी 45 करोड़ से अधिक खर्च हो हुए।
रायपुर के सबसे पुराने स्कूल में भी कमी
Sanitary Pad Machine CG: इसके बाद हमारी टीम रायपुर के सबसे पुराने सप्रे स्कूल पहुंची पता चल यहां 1 साल पहले मशीन लगाने की चिट्ठी टीचर्स ने अधिकारियों को भेजी है ना तो अधिकारियों का कोई जवाब आया ना मशीन आई। रायपुर के सरकारी निवेदिता स्कूल मैं स्थिति यह थी की मशीन खराब पड़ी हुई थी मगर टीचर्स कह रहे थे की मशीन चलती है जब रिपोर्टर ने कहा कि कैसे चलती है तो स्टाफ मशीन चलाने में खुद कंफ्यूज नजर आया। स्थित स्वामी आत्मानंद स्कूल में भी मशीन बंद पड़ी मिली यहां मशीन का उपयोग नहीं होता टीचर्स अपने स्तर पर ही बच्चियों को जरूरत पड़ने पर पैड उपलब्ध करवाते हैं। RD तिवारी अंग्रेजी मीडियम स्कूल में कई सालों से मशीन खराब पड़ी हुई है, यहां भी कई बार अधिकारियों को मशीन ठीक करने की सूचना दी गई मगर कोई अमल नहीं हुआ स्कूलों में करोड़ों के खर्च के बाद यह मशीन सिर्फ शोपीस बनकर जिम्मेदारों की लापरवाही की कहानी कह रही है।