निषाद परिवारों पर पुलिस ज्यादती का मामला विधानसभा में उठा

निषाद परिवारों पर पुलिस ज्यादती का मामला विधानसभा में उठा

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  • Publish Date - March 2, 2021 / 03:30 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:19 PM IST

लखनऊ, दो मार्च (भाषा) प्रयागराज में निषाद समुदाय पर यमुना नदी से अवैध बालू खनन के आरोप में की गई कथित पुलिस ज्यादती का मामला मंगलवार को विधानसभा में भी गूंजा। सपा ने इस मामले की जांच की मांग की।

शून्यकाल के दौरान कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता आराधना मिश्रा ने यह मामला उठाते हुए कहा कि प्रयागराज में निषाद समुदाय की महिलाओं और बच्चों समेत अनेक लोगों पर पुलिस द्वारा की गई बर्बरता बेहद दुखद है। इस पुलिस कार्यवाही के दौरान वहां एक भी महिला पुलिसकर्मी मौजूद नहीं थी। पुलिस ने निषाद समुदाय की नौकाओं को क्षतिग्रस्त कर दिया।

संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कांग्रेस नेता के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण के मुताबिक नदी के तट पर बालू का खनन करना प्रतिबंधित है।

उन्होंने कहा कि गत चार फरवरी को जिला प्रशासन, खनन विभाग के अधिकारियों तथा पुलिस अफसरों ने निषाद समुदाय के लोगों से अवैध खनन नहीं करने को कहा था। उसके बाद खनन कर निकाली गई बालू को एक जेसीबी मशीन के जरिए फिर से नदी तट पर डाला जा रहा था तभी कुछ लोगों ने पथराव शुरू कर दिया, जिससे जेसीबी मशीन क्षतिग्रस्त हो गई। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अधिकारियों को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा।

इसीबीच, सपा सदस्य उज्जवल रमण सिंह ने कहा कि इस मामले की निष्पक्ष जांच की जाए और जो भी दोषी हो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।

इस पर संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी।

गौरतलब है कि प्रयागराज में निषाद समुदाय के लोगों पर हुए पुलिस कार्यवाही के बाद 21 फरवरी को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने संबंधित निषाद परिवारों से मुलाकात की थी और उन्हें हर संभव मदद और सहयोग का आश्वासन दिया था।

प्रियंका ने बसवार गांव का दौरा किया था जहां पुलिस ने चार फरवरी को छापा मारकर कथित रूप से अवैध खनन में शामिल लोगों से मारपीट की थी।

भाषा सलीम अर्पणा

अर्पणा